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ETV BHARAT IMPACT: आईटीडीए के बैंक खाता से फर्जी तरीके से की गई है करोड़ों की निकासी - गुमला में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

गुमला में एकबार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जिले के सामेकित जनजाति विकास अभिकरण विभाग के खाता से फर्जी तरीके से 26 सितंबर को 9 करोड़ 5 लाख 16 हजार रुपये की निकासी की गई है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद विभाग ने इस खबर की पुष्टि करते हुए गुमला थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

आईटीडीए के बैंक खाता से करोड़ों की फर्जी निकासी

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Published : Oct 3, 2019, 4:05 AM IST

गुमला : जिला के सामेकित जनजाति विकास अभिकरण विभाग के बैंक खाता से करोड़ों रुपए की फर्जी निकासी की अंदेशा जाहिर की गई थी, जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद जिले के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था. खबर दिखाने के बाद मामले की जांच की गई, जिसमें पता चला है की विभाग के खाते से करोड़ों रुपये फर्जी तरीके से निकाली गई है.

देखें पूरी खबर

सामेकित जनजाति विकास अभिकरण विभाग ने गुमला थाना में आवेदन देकर कहा है कि विभाग का गुमला के भारतीय स्टेट बैंक के शाखा में उनका बैंक खाता है, जिससे गलत तरीके से राशि की निकासी की गई है. आवेदन में लिखा है की 26 सितंबर को गलत तरीके से 9 करोड़ 5 लाख 16 हजार 7 सौ रुपये की फर्जी चेक के माध्यम से निकाली गी है. विभाग ने थाना को जानकारी दी है की एक्सिस बैंक के शाखा कोटपद उड़ीसा में पैसे का ट्रांसफर कर लिया गया है, जबकि जिस चेक के माध्यम से पैसा ट्रांसफर किया गया है, उसका मूल चेक विभाग के पास मौजूद है. विभाग ने थाना में दिए गए आवेदन में भारतीय स्टेट बैंक शाखा गुमला में कार्यरत संबंधित कर्मियों, पदाधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

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दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वहीं, इस मामले पर जिले के एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया की आईटीडीए गुमला के द्वारा कल एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय स्टेट बैंक शाखा गुमला में उनके विभाग का बैंक खाता है, जिससे फर्जी तरीके से फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी चेक के माध्यम से करोड़ की राशि की निकासी कर ली गई है. उन्होंने कहा की इस मामले पर पुलिस जांच कर रही है जो भी दोषी होंगे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सीबीआई को सौंपा जा सकता है जांच का जिम्मा
समेकित जनजाति विकास अभिकरण के खाते से इतनी बड़ी रकम फर्जी तरीके से निकाले जाने को लेकर सीबीआई भी जांच कर सकती है, क्योंकि 2014 में पारित कानून के तहत बैंक से संबंधित तीन करोड़ रुपए से ऊपर की राशि अगर गबन या फर्जी निकासी किया जाता है तो ऐसे मे मामले की जांच सीबीआई कर सकती है.

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