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गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज ने बढ़ाया जिले का मान, बेस्ट पॉलिटेक्निक विथ इंडस्ट्री इंटरफेस इन झारखंड 2020 का मिला अवॉर्ड

गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज को सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च नई दिल्ली के 13वें राष्ट्रीय शिक्षा गौरव पुरस्कार समारोह में बेस्ट पॉलिटेक्निक विथ इंडस्ट्री इंटरफेस इन झारखंड का अवॉर्ड मिला है. स्थापना के महज 2 साल के अंदर गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज को मिली इस उपलब्धि ने जिले का मान बढ़ाया है.

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Published : Jan 22, 2021, 5:56 PM IST

Gumla Polytechnic College received award
गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज

गुमला: पीपीपी मोड पर संचालित गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज को सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च नई दिल्ली के 13वें राष्ट्रीय शिक्षा गौरव पुरस्कार समारोह में बेस्ट पॉलिटेक्निक विथ इंडस्ट्री इंटरफेस इन झारखंड 2020 का अवॉर्ड मिला है. यह पुरस्कार 29 दिसंबर 2020 को दिल्ली में आयोजित समारोह में मिला है. अपने स्थापना के महज 2 साल के अंदर गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज को मिली इस उपलब्धि ने जिले का मान बढ़ाया है.

देखें पूरी खबर
इंडस्ट्री टाई-अप को बढ़ावा देने के लिए गुमला पॉलिटेक्निक का पंजीकरण भारत सरकार के सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ 14 फरवरी 2020 को किया जा गया है. संस्थान के ओर से विगत 2 सालों में कई इंडस्ट्रियों से समझौता हस्ताक्षर भी किया गया है. इसके साथ ही पॉलिटेक्निक कॉलेज में एक नई शुरुआत करते हुए सर्वेक्षण के लिए अति उपयोगी सर्वे यंत्र रिफ्लेक्टरलेस टोटल स्टेशन 1000 मीटर को संस्थान परिसर में लाया गया है, जिससे संस्थान के छात्रों को उसकी विशेषताओं और उपयोगिता से ऑनलाइन के माध्यम से परिचय करवाया जा रहा है. इसे भी पढ़ें:गुमला में डायन बिसाही उन्मूलन जागरूकता रथ रवाना, उपायुक्त ने दिखाई हरी झंडी

निदेशक ने उपलब्धियों के पीछे बताया छात्रों की मेहनत
संस्थान के निदेशक अभिजीत कुमार ने गुमला पॉलिटेक्निक की मिली इस उपलब्धि को लेकर बताया कि यहां के छात्रों और संस्थान की मेहनत ने इस उपलब्धि को हासिल करने में सफलता अर्जित की है. उन्होंने सर्वे यंत्र टोटल स्टेशन के संबंध में बताया कि इस यंत्र से 40,000 डाटा ब्लॉक इंटरनल मेमोरी और सिंगल प्रिज्म से 400 किलोमीटर तक दूरी मापने में सक्षम यह यंत्र विश्व का पहला ड्यूल लेजर ईडीएम मशीन है, टोटल स्टेशन एक कंप्यूटरीकृत ऑप्टिकल यंत्र है, जो अपने एक्यूरेसी और टाइम सेविंग फैक्टर के कारण सिविल, खनन अभियंताओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. ऐसे में गुमला पॉलिटेक्निक में भी यहां के छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा.

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