गुमलाः जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डुमरी (Dumri Community Health Center) में भारी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है. जहां गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बगैर एंबुलेंस दिए ही रेफर कर दिया गया. जिसके बाद मरीज के दामाद ने अपने ससुर की जान बचाने के लिए उन्हें बाइक पर बैठाकर 80 किलोमीटर का सफर तय करके गुमला सदर अस्पताल (family carried patient on bike) पहुंचाया.
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जानकारी के अनुसार, गुमला के डुमरी प्रखंड के आंवरापाठ निवासी चंद्रदेव महतो पारिवारिक विवाद में हुई मारपीट में जख्मी हुआ था. घायल अवस्था में इलाज के लिए डुमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. जहां डाक्टर्स ने उनका प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए गुमला रेफर कर दिया. जिसपर घायल व्यक्ति के परिजनों के द्वारा एंबुलेंस की मांग की गई तो एंबुलेंस नहीं होने की बात कही (patient not get Ambulance) गयी. वहीं घायल व्यक्ति के दामाद अरूण यादव ने बताया कि एंबुलेंस मांगने पर अस्पताल के कर्मचारी के द्वारा तीन हजार रुपए की मांग की गयी. पैसे नहीं होने के कारण उन्हें अपने ससुर को मोटरसाइकिल में बैठाकर (carried patient on bike) 80 किलोमीटर का सफर तय करके इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल लाना पड़ा.
वहीं घायल की मानें तो आपसी विवाद में उसके सिर में गंभीर चोटें आई थीं. उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि वो बहुत गरीब हैं इतना पैसा नहीं था कि अस्पतालकर्मी की डिमांड पूरी कर पाते. इसलिए आनन-फानन में अपने रिश्तेदार के मोटरसाइकिल से 80 किलोमीटर तय कर गुमला सदर अस्पताल पहुंचे हैं. जिसके बाद घायल का इलाज शुरू हुआ. इस घटना से कहीं ना कहीं स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की कोताही को दर्शाता है.
यहां बताते चलें कि अस्पताल से आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं पर आला अधिकारी मौन रहते हैं. सरकार द्वारा दिए गए एंबुलेंस का अधिकतर दुरूपयोग होते देखा जा सकता है. लेकिन मरीजों को इसकी जरूरत पड़ने पर उनसे मोटी रकम की डिमांड की जाती है और प्रशासन इस पर चुप्पी साधे रहता है. लेकिन इस कोताही का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ता है.