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इस गांव में 3 साल से लगातार खोदा जा रहा एक ही कुआं, सरकार भी दे रही हर साल पैसे

गुमला के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. बता दें कि यहां 2017-18 के बीच कुएं का निर्माण शुरू हुआ, जो अबतक पूरा नहीं किया जा सका है.

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मनरेगा में भ्रष्टाचार

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Published : May 12, 2020, 8:58 PM IST

गुमला: जिला के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के चैनपुर पंचायत में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. इस पंचायत में वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान मनरेगा से जिस कुएं का निर्माण कराया जा रहा है, उसमें पंचायत स्तर के कर्मी और पंचायत के मुखिया की मिलीभगत का नतीजायह है कि निर्माण कार्य महज 10 फीसदी भी नहीं हुआ है. लेकिन 80 फीसदी की राशि की निकासी कर ली गई है. जबकि दूसरी योजना में भ्रष्टाचार ऐसा किया गया है कि कुएं में लगने वाले पत्थर या पक्के ईंट की जगह पर निम्न स्तर के सीमेंट और बालू से बनाए गए ईंट का उपयोग किया गया है. इस ईंट को एक फीट की ऊंचाई से भी पटकने से चूर चूर हो जाता है. वहीं तीसरी योजना में मजदूरी की राशि तो कम निकासी की गई, मगर सामग्री के लिए करीब 83000 की निकासी कर ली गई है.

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3 साल में भी नहीं हो सका निर्माण पूरा
चैनपुर पंचायत में वित्तिय वर्ष 2017-18 में कूप निर्माण योजना के तहत जिन लाभुकों की योजना में भ्रष्टाचार की गई है उसमें शामिल हैं मनोज रौतिया. मनोज रौतिया के कुएं की निर्माण लागत है 3 लाख 51 हजार रुपए. 3 सालों बाद भी इनके कुएं की गहराई महज 10 से 15 फीट गई है, उसपर भी घास उगा हुआ है. मगर इनकी योजना से मजदूरी व्यय में 90924 और सामग्री में व्यय 183669 रुपए कुल निकासी 274593 रुपए 20 मार्च 2020 को बिल डेट के आधार पर कर ली गई है.
अंचल कार्यालय

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पैसे का बंदरबांट

दूसरे शत्रुघ्न नायक को भी कूप निर्माण योजना का लाभुक बनाया गया है. इनके आंगन में कुएं का निर्माण ग्राउंड लेवल तक कर दिया गया है. मगर इनके कुएं में पत्थर पक्के हुए ईंट की जगह पर बालू और सीमेंट से बनाए गए निम्न स्तर के ईंट का प्रयोग किया गया है. इनकी योजना से भी मजदूरी व्यय 1,48,872 और सामग्री व्यय के रूप में 1,83,669 रुपए 74 पैसा की निकासी की गई है. 20 मार्च 2020 बिल डेट के आधार पर इनकी कुल निकासी 3 लाख 32 हजार 541 रुपए 74 पैसा अब तक की गई है.

कुएं के निर्माण में घोटाला

लाभुकों के साथ बेईमानी
वहीं, लाभुक विनय भगत के खेत में बनाए जा रहे कुएं की योजना से 22 मार्च 2020 बिल डेट के आधार पर मजदूरी व्यय 2016 रुपए और सामग्री पर 80591 रुपए की निकासी की गई. अब सवाल इसमें यह उठता है कि योजना 2017-18 की है और इतने सालों बाद मार्च 2020 में इन योजनाओं से पैसों की निकासी की गई. उसमें भी इसमें वैसी योजना शामिल है जिसका कार्य अभी शुरुआती दौर में है.

लटका है कुएं का निर्माण

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'बस जल्द हो जाए निर्माण'

इस मामले पर लाभुकों का कहना है कि उनके कुएं अधूरे हैं और पैसों की निकासी पूरी कर ली जा रही है. वे चाहते हैं कि कुएं का निर्माण जल्द पूरा कराया जाए. वहीं दूसरे लाभुक ने कहा कि उनके कुएं में पत्थर और एक नंबर की जगह पर बालू सीमेंट से बनाए गए ईंट का प्रयोग किया गया है जो काफी निम्न स्तर का है. ऐसे में ईंट की गुणवत्ता पर सवाल उठता है. इसके साथ ही कितने दिनों तक यह कुआं रह पाएगा यह कहना मुश्किल है. जबकि तीसरे लाभुक का कहना है कि अब तक मुखिया ने किसी तरह की सामग्री कुएं में नहीं लगाई है, जो भी थोड़े बहुत सामग्री लगे हैं उसके लिए उसने कई लोगों से ऋण लिया हुआ है और उस राशि से सामग्री खरीदकर कुएं में उपयोग किया है. जिसका पैसा मांगने पर पंचायत के मुखिया डांटा फटकार कर धमकी देते हैं.

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जांच कर होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब पंचायत के मुखिया से हमने जानना चाहा तो उन्होंने कहा की उनके पंचायत में मनरेगा के तहत चल रहे कूप निर्माण योजनाएं पूर्ण कर ली गई है. इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी का इस मामले पर कहना है कि मनरेगा से संबंधित सारे काम पंचायत के जिम्मे है. इसकी देखरेख पंचायत सचिव, पंचायत के मुखिया और ग्राम रोजगार सेवक करते हैं. इसके साथ ही उनके कामों को देखने के लिए पर्यवेक्षक की भी नियुक्ति की गई है. उन्होंने कहा कि चैनपुर पंचायत से मनरेगा से संबंधित कूप निर्माण योजना में शिकायत मिली है कि कुएं में लगाए जा रहे ईंट काफी निम्न स्तर के हैं. साथ ही कुछ लाभुकों के कुएं अधूरे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराकर लाभुकों को न्याय दिलाया जाएगा. जो भी इसमें दोषी होंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ी तो पंचायत के मुखिया की वित्तीय अधिकार को भी सीज किया जाएगा.

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