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गुमला में कोरोना संकट के बीच क्रिसमस की तैयारियां शुरु, चर्च में नहीं होगी गैदरिंग - क्रिसमस पर चर्च में नहीं होगी गैदरिंग

ईसाई बाहुल्य वाले गुमला जिले में क्रिसमस की तैयारियां तेज हो गईं हैं. हालांकि इस बार कोरोना के कारण लोग धूमधाम से प्रभु यीशु का जन्मदिन धूमधाम से नहीं मना पाएंगे. इस लोगों से घरों से प्रार्थना करने की अपील की गई.

क्रिसमस
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Published : Dec 18, 2020, 1:57 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 2:11 PM IST

गुमला: झारखंड के गुमला जिले में ईसाई धर्म मानने वाले लोग सबसे ज्यादा बसते हैं. जिले में ईसाई धर्मावलंबी आने वाले क्रिसमस पर्व की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से सरकार ने कई दिशा निर्देश जारी किए है.

क्रिसमस की तैयारियां शुरु

यही वजह है की इस जिले में ईसाई धर्मावलंबी सरकार के दिशा निर्देश का पूरी तरह पालन करने को लेकर तैयार हैं. वैसे जानने की बात यह भी है कि गुमला जिले में संत पैट्रिक गिरजाघर झारखंड का सबसे बड़ा कंक्रीट से बना गिरजाघर है जो आकर्षण का केंद्र है.

यही वजह है कि ईसाई धर्मावलंबियों के लोग इस चर्च को देखने के लिए गुमला पहुंचते हैं. वैसे तो इस जिले में कुल 38 पल्लियों में लगभग 400 कैथोलिक गिरजाघर हैं.

इसके अलावा भी कई और गिरजाघर भी हैं. इस जिले में सबसे पहले 1889 में बसिया प्रखंड के कोनबीर नवाटोली में गिरजाघर की स्थापना की गई थी, जिसके बाद धीरे-धीरे गिरजाघरों की संख्या बढ़ती गई.

कोनबीर नवाटोली के बाद चैनपुर के कटकाही में 1893 में गिरजाघर की स्थापना हुई. गुमला शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर सोसो में 1901 में व चैनपुर के टोंगो गांव में भी 1901 में गिरजाघर की स्थापना की गई थी.

वहीं रायडीह प्रखंड के माझाटोलीन में 1960 में गिरजाघर की स्थापना की गई, जबकि बसिया प्रखंड के ममरला में 1935 में गिरजाघर बनाया गया.

चैनपुर के राजावल में 1944 व चैनपुर मुख्यालय में 1962 में गिरजाघर की स्थापना की गई. यह 10 गिरजाघर जिले के सबसे प्राचीन गिरजा घरों में शामिल हैं. वीजी फादर सिप्रियन कुल्लू ने बताया कि क्रिसमस पर्व की तैयारी कोविड-19 को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप पर्व की तैयारी चल रही है.

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उन्होंने कहा कि मार्च से कोविड-19 का प्रभाव पूरे देश में चल रहा है. इस दौरान ईसाइयों के कई महत्वपूर्ण बड़े पर्व को नहीं बनाया जा सका. उन्होंने बताया कि प्रभु यीशु के जन्मदिन पर आने वाली 24 दिसंबर को रात्रि मिस्सा पूजा शहर के 6 स्थानों पर की जाएगी ताकि भीड़ ना हो.

इसके लिए डॉन बॉस्को स्कूल, संत पैट्रिक चर्च ,संत इग्नासुस उच्च विद्यालय, उर्स लाइन कान्वेंट स्कूल ,संत पात्रीक हॉल व संत अन्ना स्कूल का चयन रात्रि मिस्सा पूजा के लिए किया गया है, जबकि 25 दिसंबर की सुबह शहर के 11 स्थानों पर मिस्सा पूजा का आयोजन किया जाएगा .

इसके अलावा गांव और घरों में भी पूजा की जाएगी. फादर सिप्रियन ने बताया कि क्रिसमस पर्व कोविड 19 को देखते हुए इस वर्ष क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन इस वर्ष नहीं किया जा रहा है. लोगों से घरों पर ही प्रार्थना करने की अपील की गई है .

Last Updated : Dec 18, 2020, 2:11 PM IST

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