गुमला: 2019 गुमला जिला के पुलिस प्रशासन के लिए जहां उपलब्धि भरा साल रहा तो वहीं, राजनीतिक क्षेत्र में भाजपा के लिए मायूसी भरा रहा. विधानसभा चुनाव में भाजपा का गुमला से पत्ता साफ हो गया. वहीं, इसी पार्टी से 2014 में विधायक बनने के बाद झारखंड विधानसभा के स्पीकर रहे डॉ दिनेश उरांव को भी 2019 में बड़े हार का सामना करना पड़ा.
पुलिस प्रशासन के लिए साल 2019 की बात करें तो उनके लिए यह साल उपलब्धि का साल रहा. जानकारी के अनुसार 24 फरवरी को कामडारा थाना क्षेत्र में हुए पुलिस और उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के बीच मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी उग्रवादी गुज्जु गोप सहित तीन उग्रवादी मारे गए थे. वहीं, 19 सितंबर को भाकपा माओवादी का 10 लाख का इनामी सब जोनल कमांडर नक्सली भूषण यादव ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. दूसरी ओर, देश की सेवा करते हुए जिले के दो जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी.
साल 2019 की गुमला जिले में बड़ी घटना के साथ-साथ जो चर्चित बातें रही वह इस प्रकार है
- 4 जनवरी को थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत जिले के चैनपुर प्रखंड पहुंचे. जहां उन्होंने परमवीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का की पत्नी को सम्मानित किया.
- 6 जनवरी को घाघरा प्रखंड के बड़काडीह गांव में एक व्यक्ति ने अपनी ही 10 साल की सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने का मामला सुर्खियों में था.
- 24 जनवरी को भाकपा माओवादियों के बिछाए गए बारूदी सुरंग की चपेट में आने से ग्रामीण मंगेश्वर नागेशिया की मौत हो गई थी.
- 7 जनवरी को कामडारा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में जंगली हाथियों के झुंड ने मां बेटी को कुचल कर मार डाला था.
- 21 जुलाई को सिसई थाना क्षेत्र के नगर सिसकारी गांव में अंधविश्वास के चक्कर में आकर ग्रामीणों ने चार बृद्ध की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
- गुमला जिला के दो जवानों ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादी हमले में गुमला के विजय सोरेन शहीद हो गए. 13 अक्टूबर को बसिया प्रखंड क्षेत्र के टेंगरा गांव के संतोष यादव पाकिस्तान के किए गए हमले में शहीद हो गए.
- 22 नवंबर को लातेहार जिला के चंदवा थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादियों के किए गए हमले में जो चार पुलिस कर्मी शहीद हुए थे उनमें घाघरा थाना क्षेत्र के रहने वाले एक एएसआई सुकरा उरांव भी शामिल थे.
26 दिसंबर 2019 तक हुए गुमला जिले में हुए अपराध के आंकड़े
- जिले में कुल हत्या की संख्या 125 रही जिसमें, डायन मामले में 3, दहेज हत्या में 3 और नक्सल हत्या 3 हुई. कुल हत्या की संख्या 125 रही. जबकि साल 2018 में कुल 137 लोगों की हत्या हुई थी.
- जिले में विभिन्न प्रकार के डकैती कांड की संख्या 4 रही जबकि 2018 में 5 थी. वहीं, लूट कांड के जो मामले दर्ज किए गए हैं उसमें विभिन्न मामले के अनुसार 25 मामले दर्ज कराए गए हैं जबकि 2018 में 24.
- गृह भेदन की संख्या 2019 में 13 रही जबकि 2018 में 26.
- चोरी की संख्या 2019 में 210 रही जबकि 2018 में 166.
- जिले में दो भीषण दंगे हुए जबकि सामान्य दंगों की संख्या 12 रही. 2018 में 26 दंगे हुए थे.
- जहां 2019 में बलात्कार के 85 मामले दर्ज किए गए वहीं 2018 में 78 दर्ज किए गए थे.
- अपहरण की कुल 41 मामले दर्ज किए गए जबकि 2018 में 55 मामले दर्ज किए गए थे.
- 2019 में ठगी जालसाजी के मामले 34 दर्ज किए गए जबकि 2018 में 46 दर्ज किए गए.
- 2019 में मोटर दुर्घटना की 199 मामले दर्ज किए गए जबकि 2018 में 247 दर्ज किए गए.
- दहेज अधिनियम के तहत जहां साल 2019 में 23 मामले दर्ज किए गए वहीं, 2018 में 22 दर्ज किए गए.
- 17 सीएलए एक्ट ( उग्रवादी) के 12 मामले दर्ज किए गए जबकि 2018 में 19 मामले.
- रंगदारी की संख्या 19 दर्ज किए गए जबकि 2018 में 30 दर्ज किए गए.
- डायन बिसाही अधिनियम के तहत 2019 में 27 मामले दर्ज किए गए वहीं, 2018 में 19 दर्ज किए गए.