गुमला:बहुत जल्द झारखंड में मानसून प्रवेश करने वाला है. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो इस साल 15 से 20 जून के बीच झारखंड में मानसून दस्तक देगा. बारिश को लेकर किसान तो खुश हैं, लेकिन गुमला नगर परिषद क्षेत्र के लोग बरसात का नाम सुनते ही सिहर उठते हैं. बरसात के दिनों में यहां सड़कें तालाब बन जाती हैं.
ऐसे में तय समय पर होने वाली बारिश को लेकर किसान काफी खुश हैं, लेकिन गुमला नगर परिषद क्षेत्र के कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां के लोग बरसात में गली-मोहल्ले की सड़कें तलाब बन जाती है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. जलजमाव के कारण गुमला नगर परिषद क्षेत्र के लोगों की जिंदगी नारकीय हो जाती है. इसको लेकर नगर परिषद तैयारियों में जुट गया है. अस्पताल प्रबंधन डेंगू और मलेरिया जैसे मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए तैयारियों में जुट गया है. वहीं, बारिश के मौसम में बिजली बाधित ना हो इसके लिए बिजली विभाग भी सतर्क हो चुका है. इन सभी तैयारियों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गली-मोहल्लों का जायजा लिया.
सालों से है परेशानी, लेकिन विभाग सुस्त
शहर के रिहायशी इलाकों में आने वाला इलाका डीएसपी रोड और आजाद बस्ती के लोगों की मानें तो बरसात के दिनों में घर से निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है. कुछ इलाकों में पानी से भरी लबा लब रोड की वजह से स्कूली बच्चें स्कूल तक नहीं जा पाते हैं. डीएसपी रोड में सरस्वती शिशु मंदिर से लेकर पूर्व विधायक कमलेश उरांव के घर तक बरसात के दिनों में जलजमाव करीब 2 से 3 फीट तक हो जाता है. ऐसे में सड़क में चलने की बात तो दूर घर के दरवाजे से बाहर निकलना भी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है. स्थानीय लोगों ने इसको लेकर गुमला नगर परिषद के अधिकारियों के सामने सुधार कराने को लेकर कई बार आग्रह भी किया है. स्थानीय लोगों ने कई बार लिखित और मौखिक रूप से गुहार लगाई गई है, लेकिन पिछले 10 सालों से अधिक समय से यह परेशानी जस की तस बनी हुई है.