गुमला: जिले में लगभग 200 की संख्या में कार्यरत सहायक पुलिसकर्मी अपनी सीधी नियुक्ति की मांग को लेकर 3 सितंबर से आंदोलन पर हैं. सभी पुलिसकर्मीयों ने 3 सितंबर से 7 सितंबर तक काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी की फिर 7 सितंबर को ही दोपहर बाद सामूहिक हड़ताल पर चले गए, जो हड़ताल 10 सितंबर तक चला. लेकिन जब सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई तो ये सहायक पुलिसकर्मी 11 सितंबर को सुबह 6 बजे पुलिस लाइन से राजधानी रांची तक पदयात्रा के लिए निकल गए हैं.
रघुवर सरकार ने 2017 में 12 जिलों में झारखंड के 2500 युवक-युवतियों को सहायक पुलिस के रूप में तीन साल तक काम करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़े रखने के लिए यह नियुक्ति की थी, अब इन सहायक पुलिसकर्मियों का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गई है. कार्यकाल समाप्त होने के बाद इन सहायक पुलिसकर्मियों के सामने बेरोजगारी की समस्या आ गई है. यही वजह है कि सहायक पुलिसकर्मी राज्य सरकार से सीधी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें:-
पलामूः सहायक पुलिसकर्मियों ने आश्वासन के बाद पदयात्रा स्थगित की, दो दिनों बाद लेंगे निर्णयसहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि राज्य सरकार ने जब 2017 में उनकी नियुक्ति की थी उस समय कहा गया था कि यह नियुक्ति 3 साल के लिए की जाएगी, फिर वेतनमान में भी बढ़ोतरी की जाएगी और कार्यकाल को भी स्थायी की जाएगी. उन्होंने बताया कि पिछले 3 साल से पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं, अब हमारा कार्यकाल समाप्त हो रहा है तो हमलोग अपनी सीधी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, इसको लेकर काला बिल्ला लगाकर सामूहिक हड़ताल भी की गई. लेकिन सरकार की नींद नहीं खुली, यही वजह है कि आज राजधानी पैदल जा रहे हैं, वहां जाकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो फिर हम मुख्यमंत्री आवास और राजभवन का घेराव करेंगे. सहायक पुलिसकर्मियों ने बताया कि 2017 में जब उनकी बहाली की गई थी उस समय नियमावली भी बनाई गई थी, उस नियमावली में 6992/2014 सहायक पुलिस नियमावली कंडिका 11 में स्पष्ट लिखा हुआ है कि 3 साल के कार्यानुभव के बाद सीधी नियुक्ति की जाएगी, अब 3 साल पूर्ण हो चुका है, पर वर्तमान सरकार हमलोगों के बारे में कुछ नहीं सोच रही है.