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गोड्डा के ईसीएल राजमहल परियोजना में गिरकर एक महिला की मौत, प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

गोड्डा के ईसीएल राजमहल परियोजना में गिरकर एक महिला की जान चली गई. ग्रामीण ईसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. ईसीएल के प्रतिनिधि मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. सूचना मिलते ही ललमटिया थाना पुलिस व सीआईएसएफ के जवान दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और शव को बाहर निकाला.

Jharkhand News
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Published : Feb 28, 2022, 12:21 PM IST

गोड्डा: जिला के ईसीएल राजमहल परियोजना (Godda ECL Rajmahal Project) में गिरकर एक महिला की जान चली गई. ग्रामीण ईसीएल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है प्रबंधन के लापरवाह रवैये की आए दिन यहां लोगों की बली चढ़ती है. घटना को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. सूचना मिलते ही ललमटिया थाना पुलिस व सीआईएसएफ के जवान दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और शव को बाहर निकला.

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मामला ललमटिया थाना क्षेत्र के ईसीएल राजमहल परियोजना के निकट लोहंडिया बस्ती की है. परिजनों ने बताया कि सुबह महिला शौच के लिए घर से निकली थी. इसी दौरान महिला लगभग तीन सौ फीट नीचे खदान में जा गिरी है. मृतक का नाम बेला देवी है, जिसकी उम्र करीब 65 साल बताई जा रही है. महिला लोहंडिया बाजार गांव की रहने वाली है. अहले सुबह शव को देखने के लिए भारी संख्या में स्थानीय लोग पहुंचे.

घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकाला और आक्रोशित ग्रमीणों को समझाने की कोशिश की. इस दौरान स्थानीय लोगों व परिजनों ने प्रबंधन की लापरवाही को लेकर हंगामा किया और मुआवजा देने की मांग की. पुलिस ने बताया कि ईसीएल प्रबंधन की ओर से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा.

ग्रामीणों का आरोप:ईसीएल राजमहल परियोजना प्रबंधन पर ग्रामीणों का आरोप है कि लोहंडिया बस्ती से कोयला खदान की दूरी करीब 100 मीटर है. गांव के इतने नजदीक कोयला खदान होने और प्रबंधन की तरफ से कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने की वजह से इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती है. वहीं, ईसीएल के प्रतिनिधि मामले में कुछ भी बोलने सो बच रहे हैं.

यह पहली बार नहीं है, जब ईसीएल में इस तरह की घटना हुई हो. इससे पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रबंधन की अभिरुचि सिर्फ जमीन से कोयला दोहन पर होता है और गड्ढे को उसी हाल में छोड़ दिया जाता है. जिस कारण आए दिन लोगों की जान जाती है. बाद में ईसीएल मृत के परिजनों को दाह संस्कार के लिए मुआवजे के रूप में पचास हजार रुपये दे देता है और लोगों को समझा बुझा कर वापस भेज दिया जाता है.

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