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झारखंड: गोड्डा के बैज और एम्ब्रॉयडरी से सजेगी अमेरिकी-ब्रिटिश सेना की वर्दी, जानिए और क्या कुछ है खास - अमेरिकी ब्रिटिश सेना की वर्दी

गोड्डा में बसंतराय के मेटालिक थ्रेड(metallic thread) की कारीगरी से देश दुनिया के अन्य देशों के सेनाओं की वर्दी सजेगी. बैज और एम्ब्रॉयडरी(Badges and Embroidery) बनाने वाली देश की ये पहली और अनूठा कंपनी होगी.

uniform of british army will be decorated with badges and embroidery prepared in godda
झारखंड: गोड्डा के बैज और एम्ब्रॉइडरी से सजेगी अमेरिकी ब्रिटिश सेना की वर्दी, जानिए और क्या कुछ है खास

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Published : Jun 20, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 4:25 PM IST

गोड्डा:बसंतराय प्रखंड अंतर्गत रेसम्बा गांव (Resamba village under Basantarai block) में अब केंद्र की स्फूर्ति योजना के तहत देश के पहले केंद्र की शुरुआत हुई है, जहां बैज और एम्ब्रॉयडरी दोनों का प्रोडक्शन होगा. केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए क्लस्टर की एक कंपनी यहां से एंब्रॉयडरी और अन्य उत्पादों का निर्यात करने की तैयारी कर रही है. इस गांव के लोगों ने पहले दिल्ली में मजदूरी की और एम्ब्रॉयडरी का हुनर वहीं पर सीखा. फिर जब गांव आए, तो ये लोग अपने घरों में ये काम करने लगे. इस कार्य में उनके घर के लोग और महिलाएं भी शामिल हैं. अब कंपनी से जुड़कर नाम रोशन कर रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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बता दें इस रेसम्बा गांव में पहले से तकरीबन 250 लोग ये काम कर रहे थे और इनके बनाए बैज और एम्ब्रॉयडरी ब्रिटिश सेना, अमेरिकी सेना के अलावा विदेशों तक बिचौलियों के माध्यम से पहुंचते थे. इनकी ओर से कई ऐसे बैज, लोगो और सेना के समान बनाए गए जो कोरिया, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के भी थे. पिछले साल इनके प्रोडक्ट्स को दिल्ली में लगे शिल्प मेले में भी पुरस्कृत किया गया.

गोड्डा के बैज और एम्ब्रॉइडरी से सजेगी अमेरिकी ब्रिटिश सेना की वर्दी

झारखंड के लिए गौरव

भारत सरकार के लघु एवं कुटीर उद्योग मंत्रालय की ओर से इन कारीगरों के स्किल को गांव में ही बढ़ाने और अधिक तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही इनके उत्पाद बिचौलिए की जगह देश-दुनिया के बाजारों में उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेसम्बा में क्लस्टर बनाने का निर्णय लेते हुए एक सेंटर का भूमि पूजन किया गया है. इसकी लागत फिलहाल 2 करोड़ 36 लाख आनी है और इसमें 90 प्रतिशत योगदान केंद्र और 10 प्रतिशत में आधा-आधा राज्य सरकार और स्थानीय शिल्पकार का योगदान होगा. अब गांव के उत्पाद दुनिया में और निखरकर बेहतर उत्पाद के रूप में पहुंचेंगे. एक सुदूर गांव के हाथों का हुनर व्हाइट हाउस(the White House), एलिजाबेथ की गैलरी(Elizabeth's Gallery) और वहां सिक्योरिटी अफसर के वर्दी पर दिखेगी, जो बड़ी बात है. अगर ये सफल रूप से संचालित हुआ तो आगे और भी लोग इससे जुड़ जाएंगे.

मेटालिक थ्रेड की नक्काशी से बने हैं बैज और एम्ब्रॉइडरी
Last Updated : Jun 20, 2021, 4:25 PM IST

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