झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Godda News: बोरियो विधानसभा सीट पर पक्ष-विपक्ष किसी का टिकट नहीं है कंफर्म, जानिए कौन हैं सीट के असली तीन दावेदार

बोरियो विधानसभा सीट को लेकर प्रत्याशियों के चयन को लेकर झामुमो और भाजपा में असमंजस बरकरार है. इस सीट पर तीन प्रमुख दावेदार हैं. जो भाजपा और झामुमो से हैं. हालांकि इस सीट से वर्तमान में झामुमो के लोबिन हेंब्रम विधायक हैं. हालांकि अपनी ही सरकार से उनकी नहीं बनती है. इस कारण समीकरण बदल सकता है.

http://10.10.50.75//jharkhand/29-May-2023/jh-god-01-boriyopolitics-pkg-jh10020_29052023162948_2905f_1685357988_969.jpg
Borio Assembly Seat

By

Published : May 30, 2023, 1:58 PM IST

Updated : May 30, 2023, 2:23 PM IST

लोबिन हेंब्रम और ताला मरांडी का बयान

गोड्डाःझारखंड में विधानसभा चुनाव भले 2024 के अंत में होने हैं, लेकिन चुनावी दाव-पेंच में राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने तरीके से अभी से ही लग गए हैं. आज जिक्र करते है बोरियो विधानसभा की जहां पर मुख्य मुकाबला अब तक झमुमो और भाजपा में परंपरागत रूप से रहा है, लेकिन इस बार का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होने वाला है. क्योंकि झामुमो के वर्तमान विधायक लोबिन हेंब्रम हो या फिर विपक्ष में भाजपा के नेता सभी टिकट की चाह में हाथ-पांव मार रहे हैं. कौन कब किस तरफ पलटी मार दे, यह पता नहीं.

ये भी पढ़ें-Godda News: 30 जून को भोगनाडीह में लोबिन हेंब्रम करेंगे राजनीतिक विस्फोट! हेमलाल मुर्मू की जेएमएम में वापसी पर कसा तंज

विधायक लोबिन हेंब्रम सरकार से चल रहे हैं नाराजः वर्तमान झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम अपनी ही सरकार और पार्टी सुप्रीमो सीएम हेमंत सोरेन से नाराज और लगातार अपनी नाराजगी अलग-अलग मंच से जता चुके हैं. चर्चा यह भी है कि कहीं झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम की छुट्टी न कर दे और लोबिन हेंब्रम के काट के रूप में हेमलाल मुर्मू को टिकट देकर खड़ा कर दे. चर्चा है कि लोबिन हेंब्रम का टिकट कटने पर झामुमो हेमलाल मुर्मू को बोरियो से आजमा सकती है.

झामुमो हेमलाल को बोरियो सीट से आजमा सकती हैःहालांकि हेमलाल की पुरानी सीट बरहेट विधानसभा रही है. जहां वे चार दफा झामुमो की टिकट पर विधायक रह चुके हैं, लेकिन उस सीट से हेमंत सोरेन खुद विधायक हैं, जो झामुमो का पूरे राज्य में सबसे सुरक्षित सीट माना जाता है. हेमलाल मुर्मू राजमहल से एक बार सांसद भी रह चुके हैं और हेमंत सोरेन उनकी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

लोबिन हेंब्रम के पास क्या है दो विकल्पःअब सवाल अगर लोबिन हेंब्रम को झामुमो ने टिकट नहीं दिया तो वे कहां जाएंगे, उनके पास दो विकल्प हैं वे भाजपा में जाकर चुनाव बोरियो से लड़ें जिसकी चर्चा है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. वे पूर्व में भी झामुमो के द्वारा टिकट काटे जाने पर निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. वहीं पांच बार के विधायक लोबिन हेंब्रम 30 जून को राजनीतिक विस्फोट करने की घोषणा भी सिदो कान्हू की जन्मभूमि भोगनडीह से करने को घोषणा कर चुके हैं. उनकी जमीनी पकड़ से झामुमो सुप्रीमो अवगत हैं.

लोबिन के जाने से झामुमो को हो सकता है बड़ा नुकसानः अगर लोबिन कोई मोर्चा बना कर चुनाव लड़ते हैं तो झामुमो को बड़ा नुकसान हो सकता है. इसी कारण बहुत ज्यादा विरोध होने के बावजूद पार्टी कोई कर्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है, लेकिन लोबिन हेंब्रम चुनाव लड़ेंगे इसकी घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वे हेमलाल मुर्मू से भी लड़ने को तैयार हैं.

ताला मरांडी पर भाजपा को भरोसा नहींःदूसरी ओर भाजपा में भी भगदड़ की स्तिथि है. पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ताला मरांडी इसी क्षेत्र से दो बार 2004 और 2014 में विधायक रह चुके हैं. वे अपने पुत्र मुन्ना पर यौन शोषण का आरोप और फिर नाबालिग लड़की से विवाह विवाद में फंसे फिर पार्टी से बाहर कर दिए गए. इस दौरान जब रघुवर सरकार सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन की बात कर रही थी तो उन्होंने अपनी ही पार्टी लाइन का विरोध कर भाजपा को बुरा फंसा दिया था. ऐसे में उन्हें चार महीने के अंदर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पहले गंवाई फिर पार्टी से बाहर किए गए. इस कारण ताला पर भाजपा को भरोसा नहीं है.

सूर्या हांसदा क्षेत्र में सक्रिय, पर रहा है आपराधिक इतिहासः इसके बाद आजसू से बोरियो से चुनाव लड़े, खुद नहीं जीते, लेकिन भाजपा के सूर्या हांसदा को भी हरा दिया. फिलहाल भाजपा में जिस उम्मीदवार की सबसे अधिक चर्चा है वर्तमान विधायक लोबिन हेंब्रम की चर्चा है. जिसे भाजपा हाथोंहाथ ले सकती है. लेकिन लोबिन इसका खंडन करते हैं. वहीं दूसरे नाम में पिछली बार के उम्मीदवार रहे सूर्या हांसदा की भी चर्चा है और वे लगातार मैदान में सक्रिय रहे हैं. हालांकि उनका विवादों से नाता रहा है. वे कई आपराधिक मामलों में आरोपी रहै हैं. उन पर कई मामले दर्ज हैं और वे हाल ही में जेल से निकले हैं. वे जेल आते-जाते रहते हैं.

बोरियो सीट पर टिकट के लिए अजमंजसः तीसरा महत्वपूर्ण नाम ताला मरांडी का है, जो टिकट की जुगत में ढाई साल के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं. ऐसे में बोरियो में किसी का टिकट पक्का नहीं है और कोई आत्मविश्वास से नहीं कह सकता. सब वेट एंड वाच की स्थिति में हैं. अगर झमुमो और भाजपा के टिकट का निर्णय हो भी जाए कई लोग चुनाव में अन्य दल और निर्दलीय कूदेंगे. उद्देश्य साफ है न जीतेंगे और न जीतने देंगे. मतलब साफ खेल बिगाड़ने में लिए भाग्य आजमाएंगे. ऐसे में बोरियो विधानसभा सीट का टिकट गणित फिलहाल भविष्य के गर्त में छुपा है. कौन किधर पलटी मार दे कोई नहीं जानता.

लोबिन अपनी ही सरकार से नाराजः वहीं लोबिन अपनी ही सरकार से नाराज हैं. वो कहते हैं कि मेरे साथ मेरी सरकार भेदभाव कर रही है. गुरुजी शिबू सोरेन अच्छे हैं, लेकिन हेमंत नहीं सुनते. वह मन की करते हैं. ताला मरांडी फिर से भाजपा में हैं. दरअसल, ताला झामुमो के पुराने कर्यकर्ता रहे हैं और पिछले चुनाव में वे आजसू से चुनाव लड़े और फिर कुछ दिन के लिए लोजपा में भी चले गए थी.

ताला गांव-गांव घूम कर हेमंत सरकार पर साध रहे निशानाःताला कहते हैं कि मेरे रहते रघुवर सरकार में सड़क बनी, हेमंत सरकार में कुछ नहीं हो रहा है. पिछली बार भाजपा प्रत्याशी रहे सूर्या हांसदा गांव-गांव घूम हेमंत सोरेन सरकार को कोस रहे हैं. उन्हें टिकट भाजपा का नहीं मिला तो वे भी इधर-उधर हो सकते हैं. वे पूर्व में झाविमो से भी चुनाव लड़ चुके हैं.

ये भी पढ़ें-पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के मन की बात! गोड्डा लोकसभा सीट से लड़ना चाहता हूं आखिरी चुनाव

हेमलाल कुछ कहने की स्थिति में नहींः रही बात हेमलाल मुर्मू की वो फिलहाल कुछ भी बोलने की स्थिती में नहीं हैं. क्योंकि वे भाजपा में जाकर चार चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब उन्हें हेमंत सोरेन जहां भेजे वो जाने को तैयार हैं. क्योंकि उनके पास अब कोई विकल्प है भी नहीं.

Last Updated : May 30, 2023, 2:23 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details