गोड्डाः यहां सड़क के लिए सड़क पर सियासत हो रही है. क्योंकि एक तो लोगों के लिए बनी सड़क बदहाल स्थिति में है तो दूसरी तरफ शिलान्यास के बाद भी अब तक निर्माण कार्य शुरू ना होने से आम लोगों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश व्याप्त है.
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जब भी विकास के दावे होते हैं तो सबसे पहले चकाचक सड़कों का जिक्र होता है. लेकिन गोड्डा ललमटिया सिमरा मोड़ से लेकर साहिबगंज की बोआरीजोर तक तकरीबन 15 किमी की सड़क लोगों के गुस्से और सियासत का केंद्र बना हुआ है. ये एक ऐसी सड़क है जहां आपको ये दूरी तय करने में डेढ़-दो घंटे से ज्यादा लग जाये या संभव है कि आप इस रास्ते के जरिए अपनी मंजिल तक पहुंच भी ना पाएं.
झामुमो और भाजपा दोनों दलों के नेता इसे लेकर आवाज उठा रहे हैं. भीषण गर्मी के बीच एक दिन हुई मामूली बारिश में सड़कों पर पानी जमाव दिखाई दे रहा है. गड्ढों से भरी इस सड़क में आए दिन हादसे हो रहे हैं, गाड़ियां पलट जा रही हैं और लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.
इस सड़क से गोड्डा और साहिबगंज दोनों जिले के आम आदमी के साथ राजनीतिक नेताओं का भी वास्ता है. इसी कारण अब चुनावी दस्तक के मद्देनजर सबके स्वर मुखर हो रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक ताला मरांडी लगातार इस सड़क की मरम्मती को लेकर धरने दे रहे हैं. उनके अनुसार सत्ताधारी दल जेएमएम के बागी तेवर रखने वाले लोबिन हेंब्रम ने इसका एस्टीमेट 87 करोड़ से 53 करोड़ कर दिया.
ऐसी बातें हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ लेकिन इतना तो तय है कि इस सड़क की वजह से लोग मुश्किल में हैं या यूं कहें की बोआरीजोर का इलाका गोड्डा जिला मुख्यालय से कट सा गया है. लेकिन ऐसा नहीं कि सरकार ने इसकी सुध नहीं ली, 2022 के दिसंबर महीने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सड़क का शिलान्यास भी किया गया. जिसमें निर्माण के लिए प्राक्कलित राशि 87 करोड़ की है. लेकिन सवाल है कि आखिर अब तक इसका काम शुरू क्यों नहीं हुआ.
इस पूरे मामले पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मुन्ना लाल बताते हैं कि टेंडर प्रक्रिया फंसी हुई है, इसके पीछे वजह है कि विभाग में मुख्य अभियंता नहीं हैं. साथ ही भीतरखाने से ये भी बातें सामने आ रही है कि कोई ठेकेदार इस में रुचि नहीं दिखा रहा क्योंकि अवैध खनन पर साहिबगंज में रोक लगी है. खास तौर पर ईडी की रेड और पंकज मिश्रा समेत कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद रोड निर्माण के लिए मैटेरियल आसानी से उपलब्ध नहीं पा रही है.
वजह कुछ भी हो लेकिन इसका सीधा खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि लोगों को हर इन दुश्वारियों से जूझना पड़ रहा है. अब जनता की समस्या का निदान भले हो या ना हो लेकिन गोड्डा में सड़क को लेकर राजनीति खूब देखने को मिल रही है.