गोड्डाःजिला समेत संथाल के जिलों में खेतों में लगी धान में भनभनिया बीमारी ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने चिंता जताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत कराया है. वहीं, कृषि वैज्ञानिक के अनुसार बेतरतीब यूरिया के इस्तेमाल के कारण ये बीमारी फैल रही है. गोड्डा में धान की फसल में एक अजीबोगरीब बीमारी ने किसानों का बड़ा नुकसान किया है.
गोड्डा में अजीब तरीके से बर्बाद हो रही है धान की फसल, जानिए क्या है वजह? - गोड्डा में किसान
गोड्डा जिला समेत आस-पास के इलाकों में एक अजीबोगरीब बीमारी से धान की फसलें खराब हो रही हैं. किसान इससे काफी परेशान हैं. स्थानीय प्रतिनिधियों ने इसका जायजा लिया है, साथ ही सीएम को इस परेशानी से अवगत कराया है.
![गोड्डा में अजीब तरीके से बर्बाद हो रही है धान की फसल, जानिए क्या है वजह? Paddy crops are getting destroyed in Godda](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9565220-thumbnail-3x2-pic.jpg)
गोड्डा के बड़े इलाके में खेतों में भनभनिया बीमारी के कारण धान की पकी फसल अचानक गलने लगती है और फिर धान की फसल बर्बाद हो जाती और ये सब कुछ काफी तेजी से फैल रहा है.
इसे लेकर किसानों के बर्बाद होते फसल को देखते हुए स्थानीय पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने खेतों का जायजा लिया और उनकी फसल को लगी बीमारी को देखा. इधर इन सारे मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन प्रतिनिधियों ने अवगत कराया है.
इस बीमारी के प्रसार को लेकर कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी वजह अधिक मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल है. दरअसल बिना मिट्टी की जांच किए नाइट्रोजन के ज्यादा इस्तेमाल के कारण इस तरह के कीड़े जन्म लेते हैं और फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं. किसानों का मानना है कि फसल को जिस तेज गति से नुकसान हो रहा है इससे बचने के लिए धान के अधपके फसल को काटना पड़ रहा है. फसल का नुकसान गोड्डा के अलावा पाकुड़ और दुमका में ज्यादा हुआ है.