गोड्डाः जिले के सिमरदा गांव निवासी अशोक कुमार ने नौकरी न मिलने पर बकरी पालन का व्यवसाय शुरू किया है. 2008 से आधुनिक तरीके से कर रहे इस व्यवसाय से वह हर साल एक से दो लाख तक की बकरी की बिक्री कर आय करते हैं. इस व्यवसाय की मदद से उन्होंने अपने गांव में लोगों को रोजगार भी दिलाया है.
बकरी पालन से चला रहे जीविका
'कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता' इसी सोच के साथ सिमरदा गांव के एक पढ़े लिखे बेरोजगार युवक ने बकरी पालन का मन बनाया. दरअसल, अशोक कुमार पढ़े लिखे है, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली. रोजी रोटी की तलाश के वक्त उसे एक पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार मिले, जो एक कार्यशाला में गांव के लोगों को पशुपालन के बारे में बता रहे थे. डॉ सतीश कुमार ने 2008 में अशोक कुमार को बकरी पालन के बारे में बताया, जिसके बाद उसने एक-दो बकरी से यह व्यवसाय शुरू किया. आज उनके पास 23 बकरी और बकरें है और हर साल वह एक से दो लाख तक के बकरी की बिक्री कर आय करते है.