गोड्डा: जिले के महागामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने बुनकरों के आर्थिक उत्थान और उनके स्वालंबन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इसके साथ ही संथाल परगना प्रमंडल वस्त्र उद्योग के आधुनिकीकरण के लिए पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की मांग सरकार से की है.
गोड्डा: संथाल सिल्क को मिले वैश्विक पहचान, बुनकरों की स्थिति बदतर होने पर महागामा विधायक ने CM को लिखा पत्र - गोड्डा में बुनकरों के हित में विधायक ने सीएम को लिखा पत्र
विधायक दीपिका पांडेय ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बताया है कि पूरे देश के तसर सिल्क उत्पादन का 40 प्रतिशत झारखंड में होता है. इसके बावजूद राज्य के बुनकरों की हालत बदतर है.
विधायक दीपिका पांडेय ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बताया है कि पूरे देश के तसर सिल्क उत्पादन का 40 प्रतिशत झारखंड में होता है. इस तसर सिल्क उत्पादन में श्रमिक अपने व्यक्तिगत हस्तकरघे पर आश्रित हैं. इन्हें उत्पादन के लिए थोड़ी बहुत साधन झारक्राफ्ट की ओर से उपलब्ध कराया जाता है. इस व्यवसाय में बड़ी संख्या में महिलाएं लगी हैं, जिन्हें कड़ी मेहनत के बावजूद महज 50 हजार सलाना ही कमाई हो पाती है. इनकी हालात बंधुआ मजदूर जैसी हो गई है.
गोड्डा जिले के महागामा विधानसभा क्षेत्र के भगैय्या गांव में बुनकर अनुसंधान कौशल विकास के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. इसके बावजूद 19 साल बीत जाने के बाद भी बुनकर की हालात में बदलाव नहीं आया है. ऐसे में बुनकरों के आधुनिकीकरण और ब्रांड संथाल सिल्क को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए एक प्रस्ताव उनके पास है. इसी के मद्देनजर विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर अवगत कराया है.