गोड्डाः भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के लिए लिए तीन सदस्यों को नामित किया गया गया है. इनमे एक नाम झारखंड के गोड्डा जिला की ममता कुमारी का नाम है. वहीं अन्य दो नाम में डेलेना खोंगडुप मेघालय और खुशबू सूंदर चेन्नई से हैं. ममता कुमारी पेशे से सरकारी शिक्षिका हैं और स्थानीय स्तर पर सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों को मुखर होकर आवाज उठाती रही हैं.
झामुमो के पूर्व विधायक प्रशांत मंडल की पत्नी ममता कुमारी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया है. इसको लेकर ममता कुमारी ने कहा कि उनका फोकस झारखंड पर होगा. इसके अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में महिलाओं की हालत अच्छी नहीं है, इसके लिए वो काम करेंगी. साथ ही बल विवाह जैसी कुरीति पर मुखर होकर काम करेंगी.
केंद्र की ओर से जारी लिस्ट झारखंड है पहली प्राथमिकताः गोड्डा में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है वो इसका निर्वाहन करेंगी. वैसे तो उन्हें महिलाओं के हित का ध्यान पूरे देश के परिप्रेक्ष्य में रखने की जिम्मेदारी मिली है. लेकिन उनका पहला फोकस झारखंड राज्य होगा, जहां बाल विवाह, मानव तस्करी के माध्यम से महिलाओं को महानगर में ले जाकर बेचे जाने, हुनर रहने का बावजूद उनके हाथों को रोजगार नहीं मिलने, जैसे मुद्दों पर काम करेंगी. उन्होंने अपनी प्राथमिकता में बताया कि झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं हैं, जहां काम करने के लिए असीम संभावनाएं है.
वहीं ममता कुमारी के मनोनयन पर भाजपा गोड्डा जिला इकाई ने केंद्र सरकार की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में समाज के आखिरी व्यक्ति का भी सम्मान होता है, जिसका ये उदाहरण है. इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार की आलोचना भी जमकर आलोचना करते हुए कहा कि झारखंड में सबसे आदिवासी महिला पीड़ित है.
जानिए कौन हैं ममता कुमारीः गोड्डा जिला की रहने वाली ममता कुमारी पेशे से शिक्षिका हैं. उनके पति प्रशांत कुमार मंडल तीन बार झामुमो के टिकट पर पोड़ैयाहाट से विधायक रहे, साथ ही झामुमो के संगठन में कई बड़े पदों पर रहे. बाद में उनका झामुमो से मोह भंग हुआ कुछ दिनों के लिए आम आदमी पार्टी से भी जुड़े, फिर भाजपा का दामन थाम लिया. उन्हें भाजपा ने पोड़ैयाहाट से टिकट भी दिया लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाए.
एक साल पूर्व प्रशांत कुमार मंडल का निधन हो गया. प्रशांत मंडल को छवि एक गांधीवादी विचार धारा की रही, वो कुछ साल गांधियन थॉट्स के प्राध्यापक भी रहे, उन्होंने पत्रकारिता भी की. वो शुरुआत में पूर्व सांसद तत्कालीन झामुमो नेता सूरज मंडल के चेहते थे, उनके सांसद बनने के बाद पोड़ैयाहाट की सीट से उन्हें झामुमो का टिकट मिला और पहली बार विधायक बने. प्रशांत मंडल के पिता जनार्दन भाई भी गांधीवादी सोच के व्यक्ति थे उनकी इसी रूप में जिले में साख रही है. प्रशांत मंडल की पत्नी होने की वजह से सामाजिक कार्य हो या फिर राजनीतिक जीवन हमेशा ममता कुमारी उनके साथ रहीं और जनसरोकार के मसले पर मुखर रहीं.