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पर्यावरण दिवस: खाली जगह पर है पेड़ लगाने का जुनून, मिलिए गोड्डा के प्रकृति प्रेमी सच्चिदानंद शाह से - गोड्डा के प्रकृति प्रेमी सच्चिदानंद शाह

आज विश्व पर्यावरण दिवस है. इस दिन कई संस्था और सामाजिक संगठन अपने स्तर से पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाने की मुहिम का हिस्सा बनते हैं लेकिन गोड्डा के सच्चिदानंद साह को पेड़ लगाने के लिए किसी पर्यावरण दिवस की आवश्यकता नहीं है. वो तो हमेशा पर्यावरण को हरा भरा बनाए रखने के अभियान में जुटे हैं.

पर्यावरण दिवस मिलिए उस प्रकृति प्रेमी से जिसे है पेड़ लगाने का जुनून
पर्यावरण दिवस मिलिए उस प्रकृति प्रेमी से जिसे है पेड़ लगाने का जुनून

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Published : Jun 5, 2021, 6:04 AM IST

गोड्डा: 5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन कई संस्था और सामाजिक संगठन अपने अपने स्तर से पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाने की मुहिम का हिस्सा बनते हैं लेकिन गोड्डा के सच्चिदानंद साह को पेड़ लगाने के लिए किसी पर्यावरण दिवस की आवश्यकता नहीं है. वो हमेशा इस मुहिम में जुड़े रहते हैं. उनका पर्यावरण के प्रति अनोखा प्रेम है.

पर्यावरण दिवस पर मिलिए उस प्रकृति प्रेमी से जिसे है पेड़ लगाने का जुनून

पेड़ लगाने का जुनून

सच्चिदानंद शाह को पेड़ लगाने का कितना जुनून है इसकी गवाही गोड्डा के सड़क चौराहे और गलियों में देखी जा सकती है. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हे खाली जगह दिखी नहीं की वे खुरपी लेकर पेड़ लगाने में जुट जाते हैं. वे सिर्फ पेड़ ही नहीं लगाते हैं उसकी रखवाली भी करते हैं.

उनके मुताबिक वे 1970 में गोड्डा आए थे तब से लेकर अब तक वे हजारों पेड़ लगा चुके हैं. उनको इस अभियान में शुरूआती दिनों में काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने अपना अभियान जारी रखा. इतना ही नहीं वे जन्मदिन हों या शादी सभी जगहों पर दूसरों को पेड़ का ही उपहार देते हैं. माना जाता है कि गोड्डा शहर में प्रशासन के अलावा जिन्होंने सबसे ज्यादा पेड़ लगाया तो वे सच्चिदानंद शाह हैं. उनके लगाए कई फलदार पेड़ बड़े हो चुके हैं. जो राहगीरों को तपती गर्मी में राहत देने का काम कर रहे हैं.

कई आंदोलनों में भी हो चुके हैं शामिल

ऐसा नहीं है कि सच्चिदानंद शाह केवल पेड़ ही लगाते हैं वे जिले के सर्वांगीण विकास के लिए भी लगातार प्रयासरत रहते हैं. गोड्डा को जिले का दर्जा, रेल लाओ आंदोलन, सड़क निर्माण, मरम्मत जैसी मांगों के लिए वे भी लगातार मुखर रहे हैं. उन्हें इन सब मांगों के लिए लगातार धरना प्रदर्शन देते हुए जिले के लोगों ने देखा है. सच्चिदानंद शाह की मेहनत का नतीजा ही है गोड्डा में कई ऐसी सुवधाएं शुरू की गईं हैं. जिसका फायदा स्थानीय लोगों को हो रहा है.

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