गोड्डा: जिले में कोरोना से हुई पहली मौत ने पूरे जिले में खौफ और भय का माहौल पैदा कर दिया है. सदर अस्पताल गोड्डा में मरीज की मौत हुए 12 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी कोई मरीज के शव को हाथ लगाने को तैयार था. परिजनों का कहना है कि ये स्वास्थ विभाग की जिम्मेदारी है कि वो शव पूरी तरह से पैक कर परिजनों को सौंपे. वहीं, स्वास्थ विभाग के लोग इतने डरे हैं कि कोई शव को हाथ नहीं लगा रहा था. बता दें कि शनिवार की देर शाम महगामा हॉस्पिटल से रेफर के बाद मरीज को सदर अस्पताल गोड्डा में लाया गया, लेकिन यहां इलाज शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही मरीज की मौत हो गई.
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बता दें कि मरीज महगामा ब्लॉक में पंचायत सेवक था. इसकी पुष्टि गोड्डा के सिविल सर्जन डॉ. शिव प्रासाद मिश्रा कर चुके हैं. ऐसे में परिजनों का कहना है कि वे लोग शव का अंतिम संस्कार कहां करें. गांव ले जाना संभव नहीं है. ऐसे में प्रशासन ही कुछ व्यवस्था करे. वहीं, प्रशासन की ओर से वही रटारटाया जवाब मिल रहा है और ऐसे में शव को सदर अस्पताल में पड़े 12 घंटे से ज्यादा बीत गए. इस मामले में जहां शव स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से पड़ा रहा. वहीं, एक सवाल ये भी खड़ा हुआ है कि अगर मरीज कोरोना पॉजिटिव था तो उसे महगामा हॉस्पिटल से सदर अस्पताल की जगह सीधे कोविड 19 हॉस्पिटल सिकटिया भेजा जाना चाहिए था जो नही हुआ है.
कुल 13 एक्टिव केस
बता दें कि जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 21 है. इसमें से 8 मरीज स्वस्थ्य होकर अपने घर चले गए हैं. वहीं, एक मौत हो चुकी है. 11 जुलाई को भी एक कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी. जिले में सभी एक्टिव मरीज का इलाज कोविड केअर हॉस्पिटल सिकटिया में हो रहा है. वहीं, 9 जुलाई को जिले में गुरुवार को कोरोना के 6 नए मामले सामने आए थे. वहीं, 4 जुलाई को भी जिले में एक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था.