झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Singer Ankit Tiwari in Godda: बॉलीवुड सिंगर अंकित तिवारी ने पूरे शहर को झुमाया, विवादों के बीच राजकीय मेला संपन्न

गोड्डा में राजकीय गणतंत्र मेला का समापन हुआ. जहां खूब आतिशबाजी हुई, 'सुन रहा है न तू' फेम बॉलीवुड सिंगर अंकित तिवारी के गानों पर पूरा शहर झूम उठा. हालांकि, मेले का समापन विवादों के साथ हुआ.

Singer Ankit Tiwari in Godda
गोड्डा में बॉलीवुड सिंगर अंकित तिवारी

By

Published : Feb 12, 2023, 11:49 AM IST

देखें वीडियो

गोड्डा:जिला के राजकीय गणतंत्र मेला का समापन जबरदस्त आतिशबाजी और बॉलीवुड सिंगर 'सुन रहा है न तू, रो रहा हूं मैं' फेम अंकित तिवारी के गानों के साथ हुआ. एक तरफ गोड्डा में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने लोगों का दिल जीता तो दूसरी ओर लचर व्यवस्था और हर तरफ अफरा-तफरी के माहौल ने पूरा मजा किरकिरा कर दिया.

ये भी पढ़ें:Maghi Mela in Rajmahal: राजमहल में मंत्री बादल पत्रलेख ने किया माघी मेला का उद्घाटन, कहा- पर्यटन की हैं असीम संभावनाएं

कार्यक्रम के शुरुआत में हास्य कलाकार व व्यंगकार शंभू शिखर पद्मिनी शर्मा सरीखे कलाकारों ने लोगों को खूब हंसाया. वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी के आइकॉन सिंगर अंकित तिवारी ने लोगों को देर रात तक झुमाये रखा. उनकी लोकप्रिय गीत- 'गलियां तेरी गलियां, मुझको भावे तेरी गलियां' और 'सुन रहा है न तू रो रहा हूं मैं' पर पूरा शहर झूम उठा. लोगों ने अपने प्रिय गायक का सम्मान मोबाइल की लाइट जलाकर झूमते हुए किया. इस दौरान वन्स मोर, वन्स मोर की आवाज आती रही. हालांकि, अंकित तिवारी की तबियत थोड़ी नासाज थी. इस कारण उन्हें गाने में तकलीफ हो रही थी. बावजूद उन्होंने गोड्डा के लोगों का प्यार व सम्मान देख लगभग दो घंटे तक शमां बांधे रखा.

72 साल पुराना है मेला: गौरतलब हो कि गोड्डा में लगने वाला गणतंत्र मेला 72 साल पुराना है, जिसे लंबे समय से राजकीय मेला घोषित करने की मांग की जा रही था. आखिरकार 2023 में गोड्डा का गणतंत्र मेला राजकीय मेला घोषित हुआ. ये सब इसी को यादगार बनाने के लिए था. जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से राशि मुहैया कराई गई थी. यही वजह थी कि मंच से लगातार सीएम हेमंत सोरेन के सम्मान में कसीदे पढ़े जा रहे थे. निश्चित ही ये गोड्डावासियों के लिए एक सुखद क्षण था, जिसे यादगार होना भी चाहिए.

झारखंड में महज सिमडेगा में होता था राजकीय मेला:बता दें कि इससे पहले पूरे झारखंड में एकमात्र सिमडेगा में ही गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेला लगता था. अब गोड्डा में भी यह मेला लगने लगा है. मेले की लागत देखें तो इस साल सिमडेगा मेले की डाक 48 लाख रुपये की है और गोड्डा मेले की डाक 35 लाख रुपये की. दोनों मेला के लिए निर्धारित समय एक सप्ताह है, लेकिन एक पखवाड़े तक जैसे-तैसे इसे खींचा जाता है, जो नियम के अंतर्गत नहीं होता है. गोड्डा मेले के समापन के बाद दुकानदार, खेल-तमाशे और झूलावाले दुमका का रुख करते हैं, जो हिजला मेले के रूप में हफ्ते भर चलती है. गोड्डा मेले में ज्यादातर दुकानदार बिहार के बांका में लगने वाले बौसी के राजकीय मंदार मेले से गोड्डा आते हैं, जो 14 जनवरी से शुरू होता है.

विवादों के साथ समापन: पहली बार गोड्डा में आयोजित राजकीय मेले को लेकर लोगों में उत्साह था, लेकिन मेला का समापन विवादों के साथ हुआ. दरअसल, गोड्डा शहर के प्रथम नागरिक जितेंद्र उर्फ गुड्डू मंडल ने मेले के पहले दिन ही मुख्य मंच के सामने काला कोट उड़ा कर विरोध और बहिष्कार किया. यही हाल दूसरे दिन भी रहा जब वीवीआईपी दीर्घा प्रशासन के चंद लोग मजे में रहे, लेकिन अव्यवस्था का ये आलम रहा कि कई लोगों को वीवीआईपी पास रहते गेट से लौटा दिया गया. वहीं वीआईपी का तो समझो कबाड़ा हो गया, जब पुलिस ने उन्हें गेट से ही धक्के देकर बहर कर दिया. सीधा कहा गया कि साहब का आदेश है. अब लोग सवाल कर रहे हैं, अगर कार्यक्रम, जनता का जनता के लिए और जनता के पैसों से था तो फिर पास कल्चर कैसे लागू हुआ. इसके अलावा लोग व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं. कुल मिलाकर कार्यक्रम यादगार लम्हा और विवादों के साथ सम्पन्न हुआ.

ABOUT THE AUTHOR

...view details