गोड्डा:मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कॉलेज संचालक सह भाजपा नेता प्रशांत परमार के बेटे प्रखर परमार की अपहरण कर हत्या करने का मामला बुधवार को सामने आया. प्रशांत परमार और पुत्र प्रखर परमार का गोड्डा से काफी पुराना नाता है, उसकी हत्या के बाद जिले में लगातार इसकी चर्चा हो रही है. (Prakhar Parmar murder case discussion in Godda).
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गोड्डा में चल रहा है परमार एजुकेशन सेंटर: गोड्डा में नहर चौक के पास 2016 से परमार एजुकेशन सेंटर चलता आ रहा है, जहां से प्रत्येक साल हजारों की संख्या में छात्र बीएड, डीएलएड, और नर्सिंग के कोर्स के लिए शामिल होते हैं. पुत्र प्रखर परमार गोड्डा और आस-पास के सेंटर के प्रबंधन की कमान खुद संभालते थे. गोड्डा के अलावा इनका संस्थान बिहार के बांका जिले के बौसी और भागलपुर जिले में भी है.
परमार एजुकेशन सेंटर, गोड्डा
पिता प्रशांत परमार ने दी जानकारी: पिता प्रशांत परमार ने एक नगर निगम कर्मी करण वर्मा पर आरोप लगाया है. प्रशांत परमार ने पुलिस को जानकारी दी है कि एक भवन की नगर निगम से मंजूरी को लेकर एक निगम कर्मी को 7.8 लाख बतौर रिश्वत दिया था. दरअसल, निगम कर्मी प्रशांत परमार के कॉलेज से निकला हुआ छात्र था, जो बाद में नगर निगम में नौकरी कर रहा था, जिससे प्रखर परमार की मुलाकात हुई और बाद में बात तय हुई की काम हो जाएगा और संभवतः राशि का भुगतान भी हो गया, लेकिन काम नहीं होने पर राशि को वापस देने की बात होने लगी. इसी सिलसिले में बुधवार को निगम कर्मी करण वर्मा ने प्रखर को निगम कार्यालय बुलाया, जहां वह अपने कार से आया. फिर करण वर्मा ने वहीं से प्रखर का अपहरण कर लिया और कार से साथ ले गया. जहां उसे पीछे बैठे दो साथियों की मदद से गला दबा कर मार डाला.
आरोपी करण वर्मा गिरफ्तार: पुलिस ने आरोपी नगर निगम कर्मी करण वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं गिरफ्तार करण वर्मा ने देसी कट्टा से गोली मारने की बात भी स्वीकारी है. पहले तो देर शाम तक करण वर्मा पुलिस को गुमराह करता रहा. पहले उसने बोला कि शव को झांसी नदी में फेंक दिया है, लेकिन फिर करारी जंगल में अधजला शव मिला, पुलिस जिसकी शिनाख्त में जुटी है.
कैसे चर्चे में आए पिता-पुत्र:प्रशांत परमार का प्रखर इकलौता बेटा था, जिसने एलएलबी करने के बाद पिता का कारोबार संभाल रखा था. ग्वालियर में करीब 12 की संख्या में उनके अपने बीएड, डीएलएड और नर्सिंग के संस्थान हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों में भी है, जिनमें परमार एजुकेशन सेंटर काफी पुराना है. गोड्डा में इनकी अच्छी खासी राजनीतिक रसूख भी है और कई बड़े नेता इनके करीबी भी हैं. कुछ दिन पहले ईओडब्लू आर्थिक अपराध इकाई का रेड भी प्रशांत परमार के घर पर पड़ा था, जिसमें उनके घर से करोड़ों की संपत्ति मिली थी. तब वे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चे में आये थे और तब ये बात सामने आई थी कि एक अदना से संविदा शिक्षक जिसकी तनख्वाह 3500 रुपया है, करोड़पति कैसे बन गये. फिलहाल, उनके पास दर्जनों कॉलेज खुद के हैं. पिछले कुछ दिनों से प्रशांत परमार राजनीति में भी भाग्य आजमा रहे हैं और ग्वालियर के अलावा धौलपुर जिले में सक्रिय हैं. वे भाजपा से बाड़ी विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.