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इंग्लैंड की नौकरी छोड़ संभाली थी पिता की राजनीतिक विरासत, फिर से किया जीत का दावा

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Published : Dec 4, 2019, 3:09 PM IST

झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 65 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर एकबार फिर से सरकार बनाने का दावा किया है. ऐसे में चुनाव प्रचार को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेताओं का दौरा लगातार जारी है. इसी क्रम में गोड्डा से सिटिंग विधायक और बीजेपी प्रत्याशी अमित मंडल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Amit Mandal claimed victory in Godda Assembly Seat
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गोड्डा: विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है. जिले की 3 विधानसभा सीट गोड्डा, पोड़ैयाहाट और महागामा में बीजेपी प्रत्याशी की नाम घोषणा के बाद से ही चुनाव प्रचार तेज हो गई है. गोड्डा सीट से पार्टी ने अपने सीटिंग विधायक अमित मंडल पर फिर से दांव खेला है.

अमित मंडल से खास बातचीत

विदेश की नौकरी छोड़ राजनीति में आए

झारखंड के सबसे युवा विधायक और इंग्लैंड से नौकरी छोड़ पिता की राजनीतिक विरासत संभालने वाले अमित मंडल इस बार फिर से चुनावी मैदान में हैं. अमित मंडल काफी पढ़े-लिखे युवा विधायक हैं. उन्होंने दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद एमबीए की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए. वहां एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी पर लग गए. विधायक पिता रघुनंदन मंडल के निधन के बाद खाली हुई सीट पर चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने ऑफर दिया. जिसके बाद वे चुनाव लड़े और गोड्डा सीट से विधायक बने. इस बार भी पार्टी ने भरोसा जताते हुए एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. इस दौरान ईटीवी भारत ने कई सवालों के साथ गोड्डा के सिटिंग विधायक और बीजेपी प्रत्याशी अमित मंडल से खास बाचतीत की है.

उपचुनाव जीतकर पहली बार बने विधायक

गोड्डा विधायक अमित मंडल राजनीति में आने पहले इंग्लैंड में नौकरी कर रहे थे, लेकिन अचानक उनके पिता और गोड्डा के तात्कालिन विधायक रघुनंदन मंडल की हृदय गति रुकने से मृत्यु के बाद वह वापस आ गए. रघुनंदन मंडल के निधन के बाद खाली पड़े गोड्डा सीट पर हुए उपचुनाव में अमित मंडल ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की और राज्य के सबसे युवा विधायक बने. बता दें कि अमित मंडल के दादा सुमरित मंडल भी जेएमएम से गोड्डा के विधायक रह चुके हैं. गोड्डा विधानसभा सीट पर बीजेपी अपना प्रत्याशी बदलते रही है, लेकिन पिछले 5 विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के आरजेडी प्रत्याशी संजय यादव चुनावी मैदान में रहे हैं. वह साल 2000 और 2009 में जीतकर विधायक भी रहे हैं.

पिता के अधूरे सपनों को किया पूरा

बातचीत के दौरान अमित मंडल ने बताया कि बीजेपी हमेशा से विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ते आई है. इस चुनाव में भी पार्टी अपने किए गए कार्यों पर ही जनता के बीच जा रही है. गोड्डा विधानसभा सीट पर इस बार आम आदमी और दबंग प्रत्याशी के बीच हो रहा है. वे गोड्डा के अस्मिता, पहचान और क्षेत्र के विकास के लिए पिछले 3 सालों से लगे है. वह अपने पिछले 3 साल की कार्यकाल को पिता के अधूरे सपने को पूरा करने की मकसद से किए है. उन्होंने कहा कि इस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी कुछ काम किया है. वहीं, उन्होंने कहा कि जनता अगर फिर से मौका देती है तो आने वाले वक्त में वह अपने विजन को लागू करेंगे, जिसमें रोजगार के सृजन के साथ-साथ उद्योग-धंधे के क्षेत्र में काफी विकास होगा.

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अमित मंडल पर यह आरोप लगते आया है कि वह इंग्लैंड में रहे और पढ़ें हैं. जमीन की हकीकत को नहीं जानते हैं. इन बातों पर जबाब देते हुए अमित ने कहा कि यह सच है कि मेरा अनुभव गोड्डा के लिए कम है, लेकिन हर कोई कभी ना कभी सिखता है. मैनें भी पिछले तीन सालों में बहुत कुछ सीखा है. विपक्ष के राजद प्रत्याशी संजय यादव पर निशाना साधते हुए अमित ने कहा कि वह भी बिहार से यहां आए है, उन्हें भी गोड्डा की जमीनी हकीकत नहीं पता है. उन्होंने अपने विजन को लेकर कहा कि झारखंड के सबसे युवा विधायक होने के नाते वह सबसे पहले यहां से लोगों का पलायन रोकेगें. उन्होंने कहा कि केवल भाषण करने से पलायन की समस्या का सामाधान नहीं होगा, उसके लिए उद्योग-धंधे विकसित करने होंगे. साथ ही बिजली, पानी जैसे मुलभूत समस्याओं का सामाधान करना होगा और यह उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

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