गिरिडीहःझारखंड राज्य बनने के 21 साल बाद भी स्थानीय नीति नहीं बनी है. इसको लेकर झारखंड के मूलवासियों और आदिवासियों में काफी नाराजगी है और 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं. इस आंदोलन को तेज करने में बगोदर के एक युवक जुटे हैं, जो लोगों को जागरूक करने के साथ साथ एकजुट करने के लिए स्कूली बच्चों के साथ गीत तैयार किया है.
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उमेश कुमार ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवकों को एकजुट करने में लगे हैं. युवक की ओर से ग्रामीण लोगों को गीत के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है. उमेश कुमार आदर्श बगोदर के पोखरिया गांव का रहने वाला है. पोखरिया के एक प्राइवेट हाई स्कूल में वह शिक्षक है और भाषा-खतियान संघर्ष समिति के एक सक्रिय सदस्य भी है. स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ एक वीडियो बनाए हैं, 1932 के खतियान और स्थानीय नीति पर आधारित है.
गीत के माध्यम से सीएम हेमंत सोरेन से 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने की अपील की गई है. इस वीडियो को सीएम को अटैच कर ट्वीट भी किया गया है. इससे यह वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल भी हो रहा है. उमेश कुमार आदर्श कहते हैं कि हेमंत सोरेन की सरकार बनी थी, तब स्थानीय नीति को लेकर काफी उम्मीदें थी. लेकिन अबतक उम्मीद पूरी नही हुई हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति 1932 के खतियान आधारित हो. इसको लेकर समाज के हर तबके के लोगों को अपने स्तर से प्रयास करने की जरूरत है.