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गिरिडीह में आयोजित कार्यशाला में पीडीजे ने कहा- पोक्सो एक्ट के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी

बच्चों के प्रति बढ़ते लैंगिक अपराध बेहद चिंता का विषय है. इन अपराधों पर रोकथाम के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मौजूद पदाधिकारियों को पोक्सो अधिनियम की जानकारी दी गई और इस विषय पर संवेदनशील होकर काम करने के लिए कहा गया.

Workshop organized in Giridih Civil Court premises
Judicial And Police Officers Present In Workshop

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Published : Jan 22, 2023, 9:43 PM IST

गिरीडीहः जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में पोक्सो एक्ट के प्रति जागरुकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारी, जिला स्तरीय पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, अधिवक्ता, मेडिकल ऑफिसर्स, शिक्षा विभाग के अधिकारी समेत सभी स्टेकहोल्डर शामिल हुए. कार्यशाला में पोक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी दी गई. साथ ही बच्चों के साथ होने वाले लैंगिक अपराध को रोकने के लिए जागरुकता फैलाने की बात कही गई.

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बच्चों के साथ लैंगिक अपराध को लेकर सभी को संवेदनशील रहने की जरूरतः कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा ने बच्चों के साथ बढ़ते लैंगिक अपराध के प्रति चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट के लागू होने में 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, इसके बावजूद समाज में छोटे-छोटे बच्चों के बीच लैंगिक अपराधों में कमी नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि बच्चों को लैंगिक अपराधों से बचाने के लिए कानून के साथ-साथ इसके सभी स्टेकहोल्डर्स को भी संवेदनशील होकर के कार्य करने की जरूरत है. बच्चों के संपर्क में रहने वाले विभिन्न सरकारी एजेंसियों और सामाजिक संगठनों को संवेदनशील होकर काम करने की जरूरत है.

समाज के साथ बच्चों को जागरूक करना जरूरीः कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने पोक्सो अधिनियम-2012 के विभिन्न प्रावधानों की उपस्थित लोगों को जानकारी दी. उन्होंने अभिभावकों और विद्यालय के शिक्षकों से अपील की कि अपने घरों और विद्यालयों में बच्चों को पोक्सो अधिनियम की बेसिक जानकारी निश्चित रूप से दें, ताकि बच्चे जागरूक होकर ऐसे अपराध करने से बच सकें और यदि किसी बच्चे के साथ लैंगिक अपराध हो रहा हो तो वह खुलकर अपने अभिभावक और कानून के समक्ष अपनी बातों को रख सकें, ताकि उन्हें उचित समय पर न्याय के साथ काउंसेलिंग मिल सके.

पुलिस लैंगिक अपराधों को लेकर संवेदनशीलः वहीं एसपी अमित रेनू ने कहा कि बच्चे देश और समाज के भविष्य होते हैं. ऐसे में बच्चों के प्रति लैंगिक अपराध को बढ़ने से रोकना हम सब की जिम्मेदारी है. पुलिस सदैव ही इस प्रकार के गंभीर और जघन्य अपराध के प्रति संवेदनशील होकर काम करती है, ताकि ऐसे अपराध में कमी लायी जा सके.वहीं कार्यक्रम में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने कहा कि आए दिन बच्चों के प्रति बढ़ रहे लैंगिक अपराध समाज के सभी सभ्य लोगों के लिए गंभीर चिंतन का विषय है. इस कार्यशाला के माध्यम से सभी स्टेकहोल्डर्स को एक मंच पर उपस्थित होकर इस अधिनियम के बारीकियों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने का अवसर मिला है. उन्होंने इस प्रकार के अपराध को कम करने के लिए सामाजिक स्तर पर निरंतर जागरुकता फैलाने की बात कही.

तकनीकी साक्ष्यों के इस्तेमाल के लिए पदाधिकारियों को किया प्रेरितः कार्यशाला का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार की अध्यक्ष वीणा मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय अरविंद कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक अमित रेनू और जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. उद्घाटन के उपरांत इस कार्यक्रम का तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायधीश अष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम यशवंत प्रकाश ने पोक्सो केस की जांच में पुलिस पदाधिकारियों, चिकित्सकों, विशेष लोक अभियोजक, प्रोबेशन पदाधिकारी और अन्य सपोर्ट पर्सन की भूमिका और उनकी क्षमता संवर्धन के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने पोक्सो अधिनियम में इन सभी पदाधिकारियों के लिए दिए गए निर्देशों की जानकारी दी. जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों के इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित किया गया.

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