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सुषमा स्वराज की मौत से अगवा मजदूरों के परिजन हुए भावुक, मिला था वतन वापसी का भरोसा

देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो गई. विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए उन्होंने जो काम किया उसे भुलाया नहीं जा सकता. अफगानिस्तान में फंसे गिरिडीह मजदूरों के परिजनों को सुषमा स्वराज से मिलने के बाद उनकी वापसी की उम्मीद जगी थी, लेकिन उनके उम्मीदों पर फिलहाल विराम लग गया है.

विदेश में फंसे मजदूरों के बच्चे

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Published : Aug 7, 2019, 10:41 PM IST

गिरिडीहःबगोदर प्रखंड के तीन प्रवासी मजदूर लगभग 14 महीने से अफगानिस्तान में अगवा हैं. अगवा मजदूरों में बगोदर के माहुरी निवासी हुलास महतो, घाघरा के प्रकाश महतो और प्रसादी महतो शामिल हैं. इनके परिजनों ने एक साल पहले दिल्ली जाकर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी और उनकी सकुशल वतन वापसी करवाने की मांग की थी. जिसके बाद सुषमा स्वराज ने भी मजदूरों के परिजनों को उनकी वापसी कराने के आश्वासन दिया था. हालांकि, मजदूरों की वापसी अब तक संभव नहीं हुई है.

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इस बीच पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया. इसकी जानकारी जब अगवा माहुरी के मजदूर हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी को मिली तब वे भावूक हो गई. उन्होंने बताया कि सुषमा स्वराज से मुलाकात करने के बाद हिम्मत मिली थी. उनके निधन पर प्रमिला ने दुख भी प्रकट की है.

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