गिरिडीह: 29 दिसंबर 2021 को झारखंड की हेमंत सरकार ने दो साल पूरे कर लिए. इन दिनों हेमंत सरकार अपने दो साल की उपलब्धियां गिना रही है, लेकिन सरकारी अफसरों-कर्मचारियों की कारस्तानी ने एक बेसहारा का निवाला ही छीन लिया. बगोदर में बेसहारा महिला का राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया. अब वह राशन कार्ड के लिए भटक रही है.
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हेमंत सरकार के दो साल पूरे होने पर सत्ताधारी दल सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं. बेसहारा लोगों के पेंशन और राशन कार्ड पर भी जोर दे रहे हैं. लेकिन विडंबना देखिए कि बगोदर की एक बेसहारा एवं विधवा महिला का राशन कार्ड ही रद्द कर दिया गया. अब महिला राशन कार्ड को लेकर परेशान है, उसे सरकारी मदद नहीं मिल रही है. हालांकि विभाग फिलहाल आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंक नहीं होने से महिला का राशन कार्ड रद्द किए जाने की आशंका जता रहा है.
बनपुरा गांव का मामला
बता दें कि घटना बगोदर प्रखंड के बनपुरा गांव की है. महिला कलावती देवी ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को मांग पत्र सौंप कर रद्द राशन कार्ड को फिर बहाल करने की मांग की है. महिला ने कहा कि जब वह राशन कार्ड से राशन उठाव करने के लिए डीलर के पास गई, तब डीलर ने राशन कार्ड रद्द होने की बात बताई.
महिला ने बताया कि उसे कोई संतान नहीं है, पति की भी मौत हो गई है. राशन कार्ड उसके भोजन का बड़ा सहारा था. ऐसे में हम जैसे गरीब का राशन कार्ड रद्द होना ठीक बात नहीं है. इस संबंध में प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि मामले की सूचना जिला आपूर्ति पदाधिकारी को दे गई है.
महिला कलावती देवी ने पत्र लिखकर राशन कार्ड बहाल करने की मांग की राशन कार्ड आधार से लिंक न होना वजह?
आधार कार्ड से राशन कार्ड का लिंक नहीं होने के कारण राशन कार्ड रद्द होने की संभावना जताई गई है. उन्होंने कहा कि महिला का आधार कार्ड लेकर यथाशीघ्र रद्द राशन कार्ड को फिर बहाल कराया जाएगा. एमओ प्रसाद ने फिलहाल संबंधित डीलर को महिला को अनाज देने का निर्देश दिया है.