गिरिडीह: गर्मी का मौसम अभी शुरू भी नहीं हुआ है और पानी की किल्लत शुरू हो गई है. बगोदर प्रखंड क्षेत्र के धरगुल्ली पंचायत अंतर्गत कार्यचट्टान बिरहोरटंडा में रहने वाले आदिम जनजाति बिरहोरों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. जल स्तर नीचे चले जाने के कारण बिरहोरों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
Water Scarcity in Giridih: गर्मी से पहले बिरहोरोंं के सामने पानी की किल्लत, पूरे गांव में दो चापाकल, जलस्तर नीचे जाने से बढ़ी परेशानी
गर्मी शुरू होने से पहले बगोदर प्रखंड में पानी की किल्लत होने लगी है. धरगुल्ली पंचायत में रहने वाले बिरहोर जनजति के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में 2 ही चापाकल चलता है, उसका भी जलस्तर काफी नीचे है. ऐसे में इन चापाकलों को बहुत देर चलाने पर थोड़ा बहुत पानी निकालता है.
कहने को तो यहां पेयजल की सुविधा के लिए 4- 5 की संख्या में चापाकल लगाए गए हैं, लेकिन इसमें महज दो ही कामयाब है. शेष खराब पड़े हुए हैं. दो कामयाब चापाकल से भी पानी बहुत कम निकलता है. पानी का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण हैंडपंप कुछ देर चलाने के बाद थोड़ा बहुत पानी निकलता है. गांव के ही सुशीला बिरहोर और महेंद्र बिरहोर बताते हैं कि 2 चापाकल यहां चालू अवस्था में है, जबकि 3 चापाकल खराब पड़े हुए हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण:ग्रामीणों ने बताया कि आबादी के अनुसार यहां दो-तीन अतिरिक्त चापाकल की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि चापाकल का पानी बहुत नीचे चला गया है, जिसके कारण बहुत देर तक चलाने के बाद पानी निकलता है. जितना पानी निकलता है, उससे अधिक खपत है. उन्होंने बताया कि महिलाएं तो किसी तरह से चापानल के पानी से स्नान कर लेती हैं. लेकिन पुरुष वर्ग के लोगों को स्नान करने के लिए तालाब के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है.
सोलर सिस्टम से पानी उपलब्ध कराने की कवायद: बता दें कि वर्षों पूर्व सोलर सिस्टम के तहत यहां एक पानी टंकी का निर्माण किया गया था, लेकिन पानी टंकी में लगा मोटर ही गायब हो गया. बहरहाल, मामला चाहे जो भी हो समय रहते बिरहोर परिवारों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो भीषण गर्मी में इस परिवार को पानी की परेशानियों से जूझना पड़ेगा. इधर धरगुल्ली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि प्रकाश यादव ने बताया कि जल नल योजना के तहत यहां बोरिंग की गई है और सोलर सिस्टम से बहुत जल्द ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा.