गिरिडीह:ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. फिलहाल इलाके में हर घर नल-जल योजना चलाई जा रही है. इसके पूर्व 14वीं वित्त की राशि से गांवों में सोलर सिस्टम आधारित जलमीनार लगाया गया था. बावजूद ग्रामीणों को इन योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है.
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बगोदर प्रखंड के बेको पश्चिमी पंचायत में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां सोलर सिस्टम आधारित जल मीनार शोभा की वस्तु बनी हुई है. पानी के लिए महिलाओं को जान जोखिम में डालना पड़ रहा है. बेको पश्चिमी पंचायत के घासी टोला स्थित जल मीनार कई महीने से खराब पड़ा है. इससे इस टोले के ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.
ग्रामीणों को बरसात में कुएं का दूषित पानी पीना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कुएं से पानी लाने के लिए महिलाओं को चहारदीवारी फांदना पड़ रहा है. ऐसे में महिलाओं को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. उन्हें खतरे का भी डर बना हुआ रहता है.
अंजली देवी चहारदीवारी फांदकर पानी ला रही थी. पुछे जाने पर कहा कि क्या करें जल मीनार हमेशा खराब रहता है. इस कारण घेराबंदी के अंदर स्थित कुएं से पानी लाना पड़ता है. वो बताती हैं जिस खेत के कुएं से पानी लाती है उसमें मकई लगा हुआ है. चहारदीवारी से घेराबंदी भी की गई है. ऐसे में दीवार फांदकर पानी लाना पड़ रहा है.
राजेश कुमार ने बताया कि यह जल मीनार हमेशा खराब रहता है. एक बार तो ग्रामीणों ने चंदा कर जल मीनार को बनाया भी था. कुछ दिन ठीक रहा फिर खराब पड़ गया. बता दें कि बेको पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिल सके इसके लिए विधायक विनोद कुमार सिंह के प्रयास से यहां करोड़ों रुपये की लागत से जल मीनार का निर्माण किया जा रहा है. निर्माण कार्य कछुए की चाल से हो रहा है.