गिरिडीहः 15 अगस्त को बेंगाबाद थाना क्षेत्र के कर्णपुरा मोड़ के समीप असामाजिक तत्वों ने सीओ की पिटाई कर दी थी. इस घटना में पुलिस ने दर्जनों ग्रामीणों को नामजद अभियुक्त बनाकर प्राथमिकी दर्ज की और गिरफ्तार किया. निर्दोष ग्रामीणों को नामजद अभियुक्त बनाये जाने के विरोध में भाकपा माले राज्य कमेटी के सदस्य राजेश यादव के नेतृत्व में खंडोली, भोजदाहा, सिमराधाब और धोबन्नी गांव के दर्जनों लोग गोलबंद हुए और केस से बरी करने की मांग की.
यह भी पढ़ेंःगिरिडीह में सड़क हादसे के बाद बवाल, ग्रामीणों ने सीओ को पीटा
माले नेता राजेश यादव ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और घटना से संबंधित सारी जानकारियां ली. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग आवश्यक काम से कर्णपुरा मोड़ गए थे. इसी दौरान किसी की सीओ से झड़प हुई और भगदड़ मच गई. इसके बाद ग्रामीण भी भागने लगे. इस घटना के बाद पुलिस पहुंची और घटनास्थल पर खड़ी बाइक को जब्त कर लिया और निर्दोष लोगों पर कार्रवाई शुरू की.
असामाजिक तत्वों ने भीड़ का उठाया लाभ
ग्रामीणों ने बताया कि कर्णपुरा मोड़ के कई दुकान संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है, जबकि दुकानदारों को इस घटना से कोई लेना देना नहीं हैं. ग्रामीणों ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन सड़क हादसा हुआ और लोगों का आना-जाना भी लगा था. लोगों की भीड़ का फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्वों ने हंगामा किया और फरार हो गये और खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं. ग्रामीणों ने कहा कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए.
ग्रामीणों के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन
भाकपा माले नेता राजेश यादव ने कहा कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमा में फंसाना ठीक नहीं है. इस मुकदमे से गरीब ग्रामीण दहशत में हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन निर्दोष लोगों को परेशान करेगी, तो ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा.
45 लोगों पर नामजद प्राथमिकी
15 अगस्त को कुछ असामाजिक तत्व ने बेंगाबाद सीओ कृष्ण कुमार मरांडी के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. सीओ के आवेदन पर 45 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस जिन लोगों के नाम पर प्राथमिकी की गई है, उसमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया जा रहा है. बेंगाबाद थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने बताया कि सीओ के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया है. केस में निर्दोष लोगों का नाम शामिल होना जांच का विषय है. जांच पड़ताल में निर्दोष पाए जाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी.