गिरिडीहः मनरेगा में हुई गड़बड़ी को लेकर गिरिडीह सदर प्रखंड की मुसीबत कम नहीं हो रही है. अभी निर्धारित सीमा से 8 गुणा अधिक राशि निकासी के मामले में डीसी के निर्देश पर जांच हुई है. वहीं दूसरी तरफ इसी प्रखंड के जीतपुर पंचायत के ग्रामीणों ने स्थानीय मुखिया पर योजना में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर मनरेगा आयुक्त से शिकायत की गई है.
ये भी पढ़ेंः Manrega ghotala in Giridih: जांच में एक के बाद सामने आई गड़बड़ी, नियम विरुद्ध योजना के चयन ने चौंकाया
ग्रामीणों का कहना है कि यहां जेसीबी की सहायता से डोभा का निर्माण किया गया. पंचायत के उंद्रो, करमाटांड, बोरासिंघा में पुराने डोभा को नया रुप देकर पैसे की निकासी की गई. खुदाई जेसीबी से की गई और मजदूरों से सिर्फ स्टेप निर्माण करवाया गया. फर्जी मजदूरों के नाम पर निकासी की गई. इस तरह से कई डोभा निर्माण में गड़बड़ी की गई. इसके साथ ही 17 स्थानों पर वृक्षारोपण कार्य को बगैर पौधरोपण किए ही पैसे की निकासी की गई. ग्रामीणों ने कहा कि इस पंचायत में वित्तीय गड़बड़ी हुई है. इसकी शिकायत प्रखंड से भी की गई. 15 अप्रैल को प्रखंडस्तरीय जनसुनवाई के दौरान इस मामले को रखा गया. 16 अप्रैल को मनरेगा लोकपाल ने स्थल की जांच भी की और गड़बड़ी को सही भी पाया लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामीणों का कहना है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई भी.
आरोप गलत, विरोधियों की साजिशःइस मामले पर जीतपुर के मुखिया बीरबल मंडल से बात की गई. इनका कहना है कि सभी कार्य नियमानुसार हुआ है. जेसीबी से किसी डोभा की खुदाई नहीं हुई है. मजदूरों से काम हुआ और भुगतान भी किया गया. वे लगातार अपने पंचायत के विकास में जुटे हैं. पूर्व मुखिया व उनके समर्थकों द्वारा ही झूठा आरोप लगाकर बदनाम किया जा रहा है. वे किसी भी जांच को तैयार हैं.