गिरिडीह: सदर अस्पताल में दो युवकों ने खूब गुंडई की. पहले डॉक्टर से बदतमीजी की. फिर डॉक्टर को जान से मारने की धमकी दी. इतना ही नहीं ओपीडी के रजिस्टर को फाड़ डाल. इन सबों के बीच विधायक की धमकी दे डाली. कहा कि एक फोन पर विधायक दौड़े यहां पहुंच जाएगा. डॉक्टर से उलझने के बाद दोनों युवक मौके पर पहुंची नगर थाना के पुलिस पदाधिकारी से भी उलझ पड़े. यहां तक कह दिया कि वर्दी खोल कर आओ औकात पता चल जाएगा. इसके बाद जब थानेदार पहुंचे और सख्ती दिखाई तो जमीन पर लेट कर एक युवक नौटंकी करने लगा. बाद में पुलिस ने इन युवकों की सारी हेकड़ी निकाली और टांग कर सलाखों के पीछे पहुंचाया.
रजिस्टर फाड़ कर डॉक्टर को दी जान से मारने की धमकी, कहा- एक फोन पर दौड़ा आएगा विधायक, पुलिस ने निकाली हेकड़ी - पुलिस के साथ नोक झोंक
गिरिडीह सदर अस्पताल में दो युवकों ने खूब हंगामा किया. पहले डॉक्टर को जान से मारने की धमकी दी. फिर रजिस्टर फाड़ दिया और हंगामा किया. बाद में पुलिस ने हेकड़ी निकाल दी.
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क्या है मामला:बताया जाता है कि नगर थाना इलाके के गद्दी मुहल्ला निवासी फिरदौस नामक एक युवक के साथ गुरुवार को मारपीट हो गई. मारपीट की इस घटना के बाद वह अपने साथी साकिब के साथ सदर अस्पताल पहुंचा. यहां ओपीडी में डॉ राजीव कुमार थे. डॉ ने नाम व पता पूछा और इलाज के सम्बंध में पूछताछ की. इसी पर दोनों युवक चिकित्सक से उलझ पड़े. रजिस्टर को फाड़ दिया. हल्ला सुनकर अस्पताल में तैनात एक होम गार्ड और उस दौरान अस्पताल में ही मौजूद एक पुलिस अधिकारी पहुंचे. युवकों को शान्त करने का प्रयास किया. पुलिस अधिकारी युवक को समझाते तो वह अधिकारी को ही धमकी देने लगा. वर्दी खोल कर आने की बात कही. यह कहा जानते नहीं हो एक फोन पर विधायक पहुंच जाएगा. इस दौरान चिकित्सक, मेडिकल कर्मियों को भी धमकी दे डाली. हंगामे की सूचना पर नगर थाना प्रभारी पहुंचे और दोनों को समझाने का प्रयास किया दोनों युवक शांत होने की बजाए खूब हंगामा करने लगे.
जमीन पर लेट गया युवक:पुलिस सख्त हुई और दोनों को हिरासत में लेना चाहा तो फिरदौस नामक युवक जमीन पर लेट कर पुलिस अधिकारी व जवानों को अपशब्द कहने लगा. ऐसे में जवानों ने फिरदौस को टांग कर वाहन में लादा.
एफआईआर दर्ज, गए जेल:इस हंगामा के बाद सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने नगर थाना में लिखित शिकायत की. शिकायत में दोनों युवकों के विरूद्ध सरकारी कार्य में बाधा, डॉक्टर को जान से मारने की धमकी देने, ओपीडी रजिस्टर फाड़ने समेत कई आरोप लगाया गया. सीएस की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए दोनों युवकों को अदालत में प्रस्तुत किया जहां से दोनों न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेजा गया.