गिरिडीहः जिले के डुमरी प्रखंड के छह गांवों में जले हुए ट्रांसफार्मर के बदलने की मांग को लेकर शुक्रवार को लक्ष्मणटुंडा की पंचायत समिति सदस्य सुनीता देवी ने ईसरी बाजार के स्टेशन रोड स्थित बिजली कार्यालय के समीप अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं. इस दौरान पंचायत समिति सदस्य के पति भाजयुमो के गिरिडीह जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार भी धरने पर बैठ गए. धरना स्थल पर पहुंचे विभाग के एडीओ ने दो सौ केवीए का एक ट्रांसफार्मर मौके पर दिए जाने और अन्य जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलने का आश्वासन दिया.
गिरिडीहः अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे लक्ष्मणटुंडा पंचायत समिति सदस्य, जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग
गिरिडीह के डुमरी प्रखंड के छह गांवों में जले हुए ट्रांसफार्मर के बदलने की मांग को लेकर शुक्रवार को लक्ष्मणटुंडा की पंचायत समिति सदस्य सुनीता देवी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं. पंसस के समर्थन में उनके पति भाजयुमो के गिरिडीह जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार भी धरने पर बैठ गए.
सहायक अभियंता ने की वार्ता
विगत दिनों पूर्व पंचायत समिति सदस्य ने विभाग के सहायक अभियंता को पत्र देकर मोहनपुर, लक्ष्मणटुंडा, बोरा टोला बुधनडीह, घुटवाली, सिमरबेड़ा सहित कई गांवों में जले ट्रांसफार्मर को समय सीमा के अंदर बदलने की मांग की थी. इसके साथ मांग जल्द पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठने की बात कही थी. शुक्रवार को धरना शुरू होने के कुछ घंटे बाद विभाग के सहायक अभियंता स्वरूप कुमार बख्शी और कनीय अभियंता सुधीर बांडो धरना स्थल पहुंचे और धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों से वार्ता की.
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ट्रांसफार्मर को बदलने की प्रक्रिया
पंचायत समिति सदस्य ने कहा कि कई माह से उक्त गांव के लोग बिलजी की आने के आशा में अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. नवरात्र भी आ गई, इसके बाद भी अगर सभी गांव अंधेरे में रहेंगे तो वहां के ग्रामीणों को त्योहार फीका लगेगा. विभाग को अगर कंज्यूमर 6 माह बिल नहीं देता है तो विभाग के लोग घर की बिजली को काट देते हैं. कंज्यूमर पर केस भी किया जाता है. सहायक अभियंता का कहना था कि विभाग ने जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी थी. विभाग के पास स्टॉक नहीं रहने से तत्काल ट्रांसफार्मर बदलने में परेशानी हो रही है. स्टॉक में ट्रांसफार्मर आने के बाद जले हुए सभी ट्रांसफार्मर को बदल दिया जाएगा, लेकिन प्रदर्शनकारी ट्रांसफार्मर मिलने तक धरना देने पर अड़े रहे. बाद में विभाग की ओर से दो सौ केवीए का एक ट्रांसफार्मर धरना स्थल पर ही धरनार्थियों को सौंपने और जले ट्रांसफार्मर को तीन दिनों के अंदर बदल देने के आश्वासन दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त किया.