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मानव तस्करों के निशाने पर आदिवासी बच्चे, गिरिडीह के तीन प्रखंड हैं सॉफ्ट टारगेट - फर्जी कागजात के सहारे मानव तस्करी

झारखंड में मानव तस्करी (Human Trafficking) एक बड़ी समस्या है. गिरिडीह के तिसरी, गावां, पीरटांड़ और गांडेय प्रखंड में आदिवासी समाज के बच्चों को मानव तस्करों ने सॉफ्ट टारगेट बना लिया है. कुछ दिनों पहले भी मंसाडीह पंचायत घषणी तेतरिया और सागबारी से 6 नाबालिग बच्चियों को गुड़गांव ले जाया जा रहा था, लेकिन एक एनजीओ के सक्रियता से सभी को छुड़ा लिया गया.

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Published : Aug 22, 2021, 7:47 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 10:57 PM IST

गिरिडीह: जिले के कई प्रखंडों में मानव तस्करी (Human Trafficking) होती है. कुछ दिनों पहले तिसरी प्रखंड में भी इसी तरह का सनसनीखेज मामला सामने आया था. ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि तिसरी प्रखंड में आदिवासी समाज के लड़के और लड़कियां मानव तस्करों के सॉफ्ट टारगेट पर हैं.

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गिरिडीह नक्सल प्रभावित जिला है. यहां अब मानव तस्करी का मामला भी तेजी से बढ़ने लगा है. जिले के कई प्रखंडों में मानव तस्कर सक्रिय हैं. यहां नाबालिगों को बेहतर काम दिलाने के नाम पर बड़े-बड़े शहर ले जाने का मामला सामने आता रहा है. जिले का तिसरी, गावां, पीरटांड़ और गांडेय प्रखंड मानव तस्करों का सॉफ्ट टारगेट है. कुछ दिनों पहले तिसरी से इसी तरह का एक मामला सामने आया था. मंसाडीह पंचायत घषणी तेतरिया और सागबारी से 6 नाबालिग लड़कियों को गुड़गांव ले जाया जा रहा था. सभी लड़कियों को सिलाई का ट्रेनिंग दिलवाने के नाम पर गुड़गांव ले जाया जा रहा था, लेकिन कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के सतर्कता से बच्चियों से भरे बोलेरो को पकड़ लिया गया. हालांकि थाना लाते ही लड़कियों को ले जा रहा मुख्य साजिशकर्ता फरार हो गया.

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झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी के कार्यकर्ता पर आरोप

झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी की तिसरी इकाई के कार्यकर्ता पर ही बच्चियों को बहलाकर दिल्ली ले जाने का आरोप लगा था. हालांकि इस मामले को लेकर जेएसएलपीएस के तिसरी इकाई के कार्यकर्ता आज भी यही कहते रहे हैं कि बच्चियों को प्रशिक्षण के लिए ही ले जाया जा रहा था. ईटीवी भारत की टीम ने बच्चियों के गांव जाकर पूरे मामले की जब जानकारी ली, तो यह पता चला कि इस इलाके में मानव तस्कर सक्रिय हैं. टीम को यह भी पता चला कि अपने वरीय पदाधिकारियों को गलत जानकारी देकर और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के माध्यम से ही इन बच्चियों को ले जाया जा रहा है. इस मामले को लेकर तिसरी थाना में एफआईआर भी दर्ज की गई थी.

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फर्जी कागजात के सहारे मानव तस्करी


ईटीवी भारत की टीम ने जब पूरे मामले को लेकर बच्चियों और उनके परिजनों से बात की तो यह पता चला कि इन बच्चियों को प्रशिक्षण दिलाने के नाम पर ही दिल्ली ले जाया जा रहा था. इतना ही नहीं यह भी पता चला कि बच्चियों और उनके परिजनों को यह कहा गया था कि प्रशिक्षण के बाद बच्चियों को दिल्ली में ही काम मिल जाएगा. परिजनों ने बताया कि राजू मंडल नामक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया था और उसने ही कहा था कि कम उम्र को कागज पर बढ़ा दिया जाएगा.

प्रशिक्षण के नाम पर नाबालिग बच्चियों को ले जाया जा रहा था दिल्ली

वहीं, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के जिला समन्वयक मुकेश तिवारी ने बताया कि बच्चियों को ले जाने की सूचना पर जब तिसरी थाना के पास बच्चियों से सवार बोलेरो को पकड़ा गया तो यह पता चला कि प्रशिक्षण के नाम पर जिन नाबालिग बच्चियों को दिल्ली ले जाया जा रहा था, उनके जन्म और आधार सम्बंधित कागजात फर्जी तरीके से बनाया गया था. इतना ही नहीं बच्चियों को ले जा रहे लोगों ने जेएसएलपीएस के नाम से एक चिठ्ठी भी दिखाया. चिठ्ठी में महज एक-दो बच्ची के नाम का जिक्र था, बाकी चार बच्चियों का नाम भी उस पत्र में नहीं था.

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कागजों पर बढ़ाई गई बच्चियों की उम्र

कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के कार्यकर्ता सुरेंद्र पंडित ने कहा कि जब बच्चियों को छुड़ाया गया और कागजातों की जांच की गई तो पता चला कि इन बच्चियों की उम्र 12 से 16 साल के बीच थी, लेकिन इन बच्चियों का एक स्कूल सर्टिफिकेट दिखाया जा रहा था, जिसमें सभी का उम्र बढ़ाकर लिखा गया था. सर्टिफिकेट भी फर्जी ही लग रहा था.



कई मामले आते रहे हैं सामने


घषणी तेतरिया के वार्ड सदस्य छोटू टुडू ने बताया कि बच्चियों को बहलाकर ही इस क्षेत्र से ले जाया जा रहा था, लेकिन समय पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सदस्यों ने पहल की और सभी बच्चियां आज घर पर है. छोटू बताते हैं कि इस इलाके से पहले भी लड़कियों को ले जाया गया है, उनमें से कई आज तक वापस नहीं लौटी है. उन्होंने बताया कि उसका भी एक रिश्तेदार प्रदेश गई थी, जिसका आज तक पता नहीं चल सका है. वहीं मंसाडीह के मुखिया प्रतिनिधि का कहना है आदिवासी बालक-बालिकाओं को टारगेट किया जा रहा है. मानव तस्करों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

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जेएसएलपीएस बीआरपी की सफाई


वहीं इस मामले पर जेएसएलपीएस तिसरी प्रखंड की बीआरपी सेरेफना टुडू ने कहा कि बच्चियों को ट्रेनिंग के लिए ही भेजा जा रहा था. इलाके में रोजगार नहीं हैं, बच्चियां अगर ट्रेनिंग ले लेती तो काम मिल जाता. उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस पर तस्करी का आरोप लगाना गलत है.


गिरिडीह में मानव तस्करी का प्रमुख मामला

  • 04 मई 2013 को पटना के चॉकलेट फैक्ट्री में काम करवाने के नाम पर ले जाया जा रहा 7 नाबालिग बरामद. तस्कर गिरफ्तार.
  • 27 मार्च 2016 को तिसरी प्रखंड की नाबालिग लड़की मुम्बई से बरामद.
  • 28 दिसम्बर 2016 को तस्करी के लिए ले जाई जा रही सात बच्चियां पारसनाथ स्टेशन से मुक्त.
  • 25 नवम्बर 2018 को तिसरी से दिल्ली ले जाई जा रही किशोरी बरामद. महिला गिरफ्तार.
  • 21 अक्टूबर 2019 को खुखरा थाना इलाके से मानव तस्करी का आरोपी गिरफ्तार.
  • 21 जनवरी 2021 को तिसरी प्रखंड से सूरत ले जाया जा रहे 12 बच्चे मुक्त.
  • 29 जुलाई 2021को तिसरी प्रखंड से गुड़गांव ले जाई जा रही 6 नाबालिग बच्चियों को कराया गया मुक्त.
  • 9 अगस्त 2021 को दो सगी बहनों की तस्करी के आरोप में बिरनी से दो गिरफ्तार.
Last Updated : Aug 22, 2021, 10:57 PM IST

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