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गिरिडीहः भाकपा माले ने निकाली ट्रैक्टर रैली, कृषि कानून का किया विरोध - गिरिडीह में भाकपा माले की ओर से ट्रैक्टर रैली

गणतंत्र दिवस के अवसर पर कृषि कानून के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में गिरिडीह जिले में भाकपा माले की ओर से ट्रैक्टर रैली निकाली गई. इस दौरान कृषि कानून को वापस लेने की मांग की गई.

tractor march taken out against agricultural law in giridih
ट्रैक्टर मार्च

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Published : Jan 26, 2021, 6:57 PM IST

गिरिडीहः गणतंत्र दिवस के अवसर पर कृषि कानून के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में जिले में भाकपा माले की ओर से ट्रैक्टर रैली निकाली गई. बेंगाबाद प्रखंड मुख्यालय से निकाली रैली में कृषि कानून का विरोध किया गया. इस दौरान माले नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाया गया कृषि कानून किसानों के लिए काला कानून है. जब तक सरकार तीनों कृषि कानून को वापस नहीं लेगी आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान लोगों ने केंद्र की भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया.

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पूंजीपतियों के हित में काम कर रही सरकारभाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य राजेश यादव ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, किसान देश की रीढ़ हैं. बावजूद इसके केंद्र की भाजपा सरकार पूंजीपतियों की हिमायती बनकर किसानों के हक अधिकार को कुचलने का काम कर रही है. सरकार अपने कॉर्पोरेट दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि कानून के रूप में काला कानून लेकर आई है, जोकि किसानों के लिए किसी भी रूप में हितकारी नहीं है. सरकार की मंशा किसानों से उनकी आजादी और हक अधिकार छीनकर सारा पावर पूंजीपतियों के हाथ में देना है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. माले नेता ने कहा कि सरकार का तीनों कृषि कानून सरकार की दमनकारी नीति को दर्शाता है. भाकपा माले जिसका पुरजोर विरोध करती है. इसके साथ ही कहा कि देश के किसान इतनी ठंड में अपने हक के लिए दिल्ली बॉर्डर पर सड़कों पर डटे हैं. 60 किसानों की मौत अब तक हो चुकी है, लेकिन इस तानाशाही सरकार को शर्म नहीं है. कहा कि सरकार को अगर किसानों की चिंता होती तो सरकार किसानों से वार्ता कर उनकी बातों को समझने का प्रयास करतें, लेकिन किसान विरोधी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी है.

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मज़दूरों पर जुल्म नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा ने कहा कि देश के किसानों के बदौलत ही सरकार चल रही है, किसान जग गए हैं. अगर सरकार किसानों के प्रति अपना रवैया नहीं सुधारती है तो देश के किसान और जवान इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे. इस दौरान स्थानीय स्तर पर मजदूरों, बेरोजगारों के मुद्दे पर भी जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार के इशारे पर प्रशासन की ओर से कोयला, बालू के नाम पर गरीब मजदूरों को सताया जा रहा है, वह न्यायोचित नहीं है. पहले सरकार को गरीबों के लिए रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए, उसके बाद कोयला बालू के नाम पर कार्रवाई करनी चाहिए. कहा कि मजदूरों पर प्रशासन की लाठी का मार भाकपा माले बर्दाश्त नहीं करेगी.

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