गिरिडीह:जेल में बंद अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. पहले जहां जेलर को जान से मारने का प्रयास किया गया था तो इस बार केंद्रीय कारा गिरिडीह के अधीक्षक अनिमेष कुमार चौधरी से दो करोड़ रूपये रंगदारी मांगी गयी है. रूपये नहीं देने पर जान मारने की धमकी दी गयी है(Threat to kill Giridih Central Jail superintendent). मैसेज और व्हॉट्सएप कॉल के जरीये जेल अधीक्षक को यह धमकी दी गयी है.
गिरिडीह केंद्रीय कारा के अधीक्षक से दो करोड़ की मांग, नहीं देने पर जान से मारने की धमकी - Jharkhand news
गिरिडीह जेल में बंद अपराधी को सुविधा नहीं मिली तो जेल अधीक्षक को ही धमकी दे डाली गई(Threat to kill Giridih jail superintendent). गिरिडीह केंद्रीय कारा के अधीक्षक सें दो करोड़ मांगा गया है. नहीं मिलने पर जान से मारने की धमकी दी गई है. अधीक्षक की शिकायत पर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
बता दें कि यह धमकी कुछ दिनों पूर्व जेल अधीक्षक के सरकारी वाहन पर सवार प्रभारी कारापाल प्रमोद कुमार पर हुए गोलीबारी मामले में केंद्रीय कारा गिरिडीह में बंद आशीष कुमार साह को गैर कानूनी सुविधाएं नहीं देने से जुड़ा हुआ है. धमकी मिलने के बाद जेल अधीक्षक ने इस संबंध में गिरिडीह एवं बोकारो एसपी को भी सूचना दे दी है. इस मामले को लेकर अधीक्षक की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
यह भी पढ़ें:गिरिडीह में हत्या मामले में चार को आजीवन कारावास, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाई सजा
मैसेज के माध्यम से दी धमकी: बताया जाता है कि अधीक्षक के मोबाइल पर पहले दो बार व्हाट्सएप कॉल आया. अधीक्षक ने कॉल रिसीव नहीं किया तो व्हाट्सएप मैसेज आया. मैसेज में कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थीं. मैसेज धमकी भरा था और भेजने वाले ने अपना नाम मयंक सिंह लिखा था. मैसेज करने वाले ने थोड़ी देर बाद मैसेज को डिलिट भी कर दिया. बताया जाता है कि मैसेज के बाद पुन: अधीक्षक को उसी अज्ञात नंबर से व्याहॅट्सएप कॉल से धमकी दी गई. अधीक्षक को कॉल करने वाले ने गिरिडीह केंद्रीय कारा के सेल में सुरक्षात्मक कारणों से बंद बंदी आशीष कुमार साह को सेल से नहीं निकालने एवं अन्य गैर कानूनी सुविधाएं नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी और रूपए की मांग की गई.
इस मामले को लेकर अधीक्षक अनिमेष कुमार चौधरी ने बताया कि कुछ बंदी गैर कानूनी सुविधा चाहते हैं. इस तरह की सुविधा नहीं देने पर इस तरह की धमकी दी गई है. वे अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ निभाते हैं और उनकी अदावत किसी से नहीं हैं.