गिरिडीह: जिला परिषद की योजनाओं के टेंडर में मैनेज का खेल चला है. यहां खुलकर सरेआम ठेकेदारों के बीच पैसे का लेनदेन हुआ है. पैसे के लेनदेन की तश्वीर भी कइयों ने कैद की है. अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है. दरअसल जिला परिषद द्वारा विभिन्न योजनाओं का टेंडर निकाला गया है. लगभग 14 करोड़ की लागत से इन योजनाओं का काम होना है. इन योजनाओं का टेंडर शनिवार को गिरा. दोपहर तीन बजे के बाद टेंडर गिराने का काम ठेकेदारों ने शुरू किया. इससे पहले ठेकेदारों का जमावड़ा शहर के सर्कस मैदान में लगा. यहां सैकड़ों लोग जुटे. यहीं ठेकेदार एक दूसरे को मैनेज करते दिखे. खुलेआम पैसा बांटा गया.
ये भी पढ़ें-नगर परिषद कार्यालय में 3 घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा, आपस में ही भिड़ गए ठेकेदार
मैनेज हुए ठेकेदारों ने नहीं डाला टेंडर
बताया जाता है कि आपस में मैनेज होने के बाद कई ठेकेदारों ने एक दूसरे की योजना में टेंडर ही नहीं डाला. ज्यादातर ठेकेदार ने कमाई कर निकलने में ही बहादुरी समझी. यह खेल शाम तक चलता रहा.
टेंडर रद्द करने की मांग
इस दौरान कुछ ठेकेदार आपस में बहस करते दिखे. इन सबों के बीच कुछेक ठेकेदार ने इस टेंडर को ही रद्द करने की मांग की है. डुमरी के एक ठेकेदार ने डुमरी के ही दूसरे ठेकेदार पर पेपर छीनने का भी आरोप लगाया है.
कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
इन सबों के बीच कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां भी उड़ायी गई. बगैर मास्क के ही एक स्थान पर ठेकेदार आपस में बैठे रहे. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारी व जवान भी खड़े रहे. दूसरी तरफ जिला परिषद ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी.
100 योजनाओं का होना है काम
जिला परिषद कार्यकारी समिति के उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान ने बताया कि 15वीं वित्त राशि का कई महीनों से खर्च जिला परिषद में नहीं हुआ था और पिछली योजनाओं का पैसा बचा हुआ था. ऐसे में जिला परिषद के 45 सदस्यों ने बैठक कर योजनाओं का चयन करवाया जिसकी निविदा आज डाली गई है. रही बात मैनेज के खेल का तो यह बात चर्चा में है लेकिन जो भी कुछ हुआ है वह जिला परिषद के कैम्पस के बाहर ही हुआ होगा. यहां शांतिपूर्ण तरीके से सिर्फ टेंडर डाला गया है. बाहर के खेल से जिला परिषद को कोई मतलब नहीं है.