गिरिडीहःचैताडीह में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में चूहों की ओर से नवजात को कुतरने की घटना ने एसएनसीयू (SNCU) की खामियों को उजागर कर दिया है. इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग नींद से आधा जाग गया, लेकिन अभी भी अधिकारियों की संवेदना सक्रिय होनी बाकी है. लीपापोती के लिए एसएनसीयू में कुछ सुधार कराए गए, कुछ कर्मचारियों पर गाज भी गिरी, लेकिन अभी भी यहां कई जरूरी काम कराया जाना बाकी है.
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चैताडीह में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई (एसएनसीयू) में चूहा प्रकरण के दूसरे दिन ईटीवी भारत संवाददाता अमरनाथ सिन्हा ने मैटरनिटी वार्ड एवं एसएनसीयू का जायजा लिया. मैटरनिटी वार्ड में खिड़कियां टूटी-फूटी हैं. खिड़कियों में जाली नहीं लगी है. ऐसे में खिड़की के रास्ते कीट-पतंगे या चूहों के अंदर आने का खतरा मंडराता रहता है. जिस बेड पर पीड़ित बच्ची की मां ममता देवी को रखा गया है, उसके पीछे की खिड़की भी टूटी हुई है.
शिशु वार्ड में सुधारःनवजात को चूहों के कुतरने की घटना के दूसरे दिन ईटीवी भारत की टीम स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (SNCU) पहुंची तो उस शिशु वार्ड को सुधारने का प्रयास किया गया था. घटना के बाद सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने वार्ड का जायजा लिया था और दरवाजे के नीचे बने उस होल को जहां से चूहे के वार्ड में आने की आशंका थी उसे रबर से भरवा दिया गया था. इस कमरे की सभी एसी (एयर कंडीशनर) को भी चेक कराया गया था. एसी की भी जरूरी मरम्मत करा दी गई थी. लेकिन खिड़कियों में न तो जाली लगवाई गई और न ही शीशा. यह हाल उस प्रसूता के वार्ड का भी था, जिसमें बच्ची को चूहे ने कतरा था. इससे अभी भी चूहों के भीतर आने की आशंका बनी हुई है.