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Giridih Bus Accident: घनी आबादी को चीरते हुए सवा दो घंटे में बस को तय करनी थी 115 किमी की दूरी, परिवहन विभाग ने दे रखा है स्पीड तेज करने का आदेश!

गिरिडीह में बस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए हैं. रफ्तार को दुर्घटना के पीछे की वजह बताया जा रहा है. हालांकि जब ईटीवी भारत ने मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी है. बस दुर्घटना की वजह जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

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Reason Of Giridih Bus Accident

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Published : Aug 6, 2023, 3:29 PM IST

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: गिरिडीह में बस दुर्घटना के बाद बस के रफ्तार को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों के बीच ईटीवी भारत ने मामले की पड़ताल की तो हैरान करनेवाली जानकारी मिली है. जानकारी के अनुसार झारखंड राज्य परिवहन विभाग ने रांची से गिरिडीह के लिए बाबा सम्राट बस संख्या जेएच 07 एच 2906 का जो परमिट जारी किया है, उसमें टाइमिंग की सेटिंग ही बगैर अध्ययन या लापरवाही से कर दी गई है.

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वर्ष 2019 में परिवहन विभाग ने जारी किया था परमिटःझारखंड सरकार के परिवहन विभाग ने बस को परमिट संख्या 22/2019/HAZ निर्गत किया है. यह परमिट नौ जुलाई 2024 तक वैध है. बस मालिक भंडारीडीह निवासी राजू खान के नाम पर जारी परमिट में बस पर 45 यात्री बैठाने का आदेश है, लेकिन इस परमिट में गिरिडीह वाया हजारीबाग और रांची वाया हजारीबाग के लिए जो समय सारिणी निर्धारित की गई है वह चौंकाने वाली है.

परिवहन विभाग द्वारा मिली जानकारी

परमिट में क्या दिया गया है समयः परमिट में शाम को रांची से बस को खुलने का समय 17:05 तो हजारीबाग पहुंचने का समय 19:20 निर्धारित किया गया है. वहीं हजारीबाग से बस खुलने का समय शाम 19:45 बजे तो गिरिडीह पहुंचने का समय रात 10 बजे निर्धारित किया गया है. जबकि हजारीबाग से गिरिडीह की दूरी लगभग 115 किमी है. इस 115 किमी की दूरी के दौरान बस को पहले हजारीबाग से मेरु तक घनी आबादी क्षेत्र से गुजरना है. फिर बीच में झुमरा, दारु, टाटी झरिया फिर बगोदर, डुमरी, पीरटांड़ जैसे आबादी वाले क्षेत्र से गुजरते हुए गिरिडीह नगर निगम क्षेत्र से होकर गिरिडीह बस स्टैंड पहुंचना है. घनी आबादी वाले इलाके से गुजरने के दौरान बस चालक को स्पीड पर भी नियंत्रण रखना है और टाइम पर भी पहुंचना है.

जानकारों ने कहा दोषी है विभागः बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद परिवहन नियमों की जानकारी रखनेवाले प्रभाकर ने भी काफी अध्ययन किया. अध्ययन के बाद उन्होंने कहा कि जब सवा दो घंटे में ही बस को गिरिडीह पहुंचने का आदेश विभाग ने दे रखा है तो ड्राइवर क्यूं नहीं रफ्तार से वाहन चलाएगा. उन्होंने कहा कि जितनी गलती बस के चालक की है, उससे अधिक गलती परमिट जारी करने वाले विभाग की भी है.

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