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Dumri By Election: चेकनाका से मजिस्ट्रेट साहब ही लापता, कैसे पकड़ा जाएगा प्रतिबंधित सामान!

डुमरी उपचुनाव को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है. जगह जगह चेक नाका बनाया गया है. इन नाकों में सभी वाहनों की जांच की जानी है. इसे लेकर जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दे रखा है लेकिन इस निर्देश की अवहेलना की जा रही है.

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Published : Aug 21, 2023, 9:28 PM IST

जानकारी देते संवाददाता अमरनाथ सिन्हा

गिरिडीह: डुमरी विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए पूरे जिले में आदर्श आचार संहिता लागू है. इस दौरान अवैध तरीके से शराब, नगद राशि और आर्म्स के परिवहन पर रोक है. कोई भी व्यक्ति इस आदेश की अवहेलना ना करे, इसे लेकर जिले के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में चेक नाका बनवाया है. दूसरे जिले के अलावा बिहार की सीमा पर ना सिर्फ चेक नाका बनाया गया है, बल्कि इन नाकों पर विशेष चौकसी बरतने का निर्देश भी दिया गया है.

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दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारी, जवान और कैमरामैन को यहां पर तैनात किया गया है. सीमा के अंदर प्रवेश करनेवाले हरेक वाहन की चेकिंग के साथ वीडियोग्राफी करने का निर्देश है. हालांकि जिलाधिकारी के निर्देश का पूर्णतः अनुपालन कुछेक चेक नाका में नहीं किया जा रहा है. ऐसी ही लापरवाही गिरिडीह - देवघर बॉर्डर पर बेंगाबाद थाना इलाके के डाक बंगला में बने चेक नाका में देखने को मिली है. सोमवार की दोपहर को यहां पर चेक नाका चालू ही नहीं था.

मजिस्ट्रेट पहुंचे ही नहीं:दरअसल, सोमवार को ईटीवी की टीम बेंगाबाद इलाके में खबर संकलन को पहुंची थी. दोपहर लगभग 3 बजे जब नाका के पास टीम पहुंची तो देखा कि चेकपोस्ट खुला हुआ है. यहां एक भी वाहन को रोका नहीं जा रहा है. यहां पर लगभग आधा घंटा तक नाका के पास जाकर ईटीवी की टीम खड़ी रही. लेकिन किसी भी वाहन को रोका नहीं गया. आधा घंटा के बाद नाका पर बने अस्थायी शेड पर जब टीम पहुंची तो यहां एक पुलिस अधिकारी और कैमरामैन मिले. इनसे जब पूछा गया कि नाका में वाहनों की चेकिंग क्यूं नहीं हो रही है. इस सवाल पर जवाब मिला कि मजिस्ट्रेट साहब नहीं आये हैं.

पूछा कि कौन साहब हैं और ड्यूटी कब से है. इस पर यह बताया गया कि मजिस्ट्रेट सर का नाम चंदन है और ड्यूटी दो बजे से है. जब पुनः पूछा गया कि दोपहर के 3:30 होने को है, साहब कब आते हैं. इस पर यही कहा गया कि आ जायेंगे. बहरहाल, यह मामला पूरी तरह से लापरवाही और आलाधिकारी के आदेश की अवहेलना से जुड़ा है. चुनाव जैसे संवेदनशील माहौल में यदि इस तरह की लापरवाही की जा रही है तो चिंता स्वाभाविक है.

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