गिरिडीहः केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक गांव-गांव की सड़क बनाने की बात कहती है लेकिन इसकी जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां करती है. ऐसा ही सच उग्रवाद प्रभावित देवरी प्रखंड के बांसडीह पंचायत अंतर्गत सांखो गांव के हजरुआ टोला की सड़क बता रही है. यह सड़क कच्ची और बदहाल है और तो और बरसात में इस पर चलना ही दूभर हो जाता है. प्रखंड मुख्यालय से लगभग 13 किमी की दूरी पर स्थित इस टोला में लगभग 500 की आबादी रहती है. इसके बावजूद इस सड़क का काया नहीं बदल रही. जबकि इस क्षेत्र के सांसद केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी है. वहीं भाजपा के विधायक केदार हाजरा हैं.
कंधे पर मरीज को ले जाने की मजबूरीः इस गांव के रहने वाले सूरजदेव राणा, लक्ष्मण पंडित, प्रकाश पंडित, आरती देवी, टुनटुन राणा समेत अन्य बताते हैं कि सड़क की बदहाली के कारण यहां के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करने दूसरे गांव या मुख्यालय जाना ही नहीं चाहते. सूरजदेव तो खुद पर बीती व्यथा बताते हुए कहते हैं कि एक बार उनकी दादी की तबीयत बिगड़ गई. सड़क में पूरी तरह से कीचड़ था ऐसे में बाइक भी नहीं चल पा रही थी और एंबुलेंस भी नहीं आ रहा था. उन्हें खाट पर दादी को लादना पड़ा और फिर डेढ़ किमी की दूरी तय करनी पड़ी तब जाकर इलाज हो सका.
जनप्रतिनिधियों का नहीं है ध्यानः लक्ष्मण पंडित और मनोज कुमार राय बताते हैं कि इस सड़क को बनाने की मांग कई दफा स्थानीय सांसद सह केंद्र में मंत्री अन्नपूर्णा देवी और विधायक केदार हाजरा से की गई लेकिन इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि सड़क बनती तो यहां की जिंदगी सुगम हो जाती.