गिरिडीह: जीटी रोड के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा नहीं मिलने के कारण भू- रैयत नाराज हैं. इसी क्रम में इन्होंने शनिवार को बैठक की जिसमे इन्होंने ठीक से मुआवजा नहीं दिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
मुआवजा को लेकर भू- रैयतों में नाराजगी, सरकारी नोटिस को करेंगे वापस - ईटीवी झारखंड
जीटी रोड बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण में विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में बगोदर प्रखंड के अटका में भू- रैयतों की बैठक की. इन्होंने 11 जुलाई को भेजे गए सरकारी नोटिस का विरोध किया है.
भू- रैयतों जमीन अधिग्रहण के दौरान उचित मुआवजा का प्रारूप तय नहीं होने से नाराजज हैं. उनका कहना है कि 11 जुलाई को सरकारी स्तर पर एक हजार 29 भू- रैयतों को नोटिस भेजा गया था. नोटिस में भूमि अधिग्रहण किए जाने के बदले भू- रैयतों को कृषि दर पर मुआवजा दिए जाने की बात थी. जबकि भू- रैयतों ने आवासीय दर पर मुआवजा की मांग की है.
मुआवजा वितरण करने की मांग
भू- रैयतों ने कहा है कि अटका इलाके में जीटी रोड चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित किए जाने वाली सभी जमीन आवासीय है, इसलिए सरकार को आवासीय दर पर भू- रैयतों के बीच मुआवजा वितरण करने का प्रावधान सुनिश्चित करना चाहिए. बाद में न तो वो मुआवजा लेंगे और न हीं सड़को का चौड़ीकरण होने देगें. आंदोलन को धारदार बनाने के लिए भू- रैयतों ने कमेटी का गठन किया है.