गिरिडीहः बाल विवाह, सती प्रथा, जातिवाद, पर्दा प्रथा का विरोध करने वाले आधुनिक भारत के जनक राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती पर गिरिडीह में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जहां सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय की बच्चियों के द्वारा हाथों में तख्ती लेकर रैली निकाली गई. वहीं सेंट्रल लाइब्रेरी में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सेंट्रल लाइब्रेरी में आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन सदर विधायक सुदिव्य कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष मुनिया देवी व जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलीन टोप्पो ने किया.
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क्या कहा वक्ताओं नेःसेंट्रल लाइब्रेरी में आयोजित कार्यक्रम में विधायक सुदिव्य ने राजा राममोहन राय की जीवनी व समाज सुधार के लिए दिए गए योगदान पर प्रकाश डाला. यहां पर मौजूद स्कूली बच्चों व लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी. कहा कि किताबों के अध्ययन से ही जीवन सही दिशा में चलता है. विधायक ने कहा कि गिरिडीह के इस लाइब्रेरी में देश की अनमोल धरोहर यानी संविधान की मूल प्रति रखी हुई है जो गिरिडीह वासियों के लिए गर्व की बात है.
कहा कि भारत वर्ष में विभिन्न धर्म को मनाने वाले लोग हैं. सभी धार्मिक ग्रन्थ के साथ साथ देश के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हैं. दूसरी तरफ बच्चों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलीन टोप्पो ने बताया कि राजा राममोहन राय एक ऐसे महान व्यक्ति थे जिन्होंने महिलाओं को समान अधिकार दिलवाने का काम किया. महिलाएं आज कंधा से कंधा मिलाकर चल रही है तो इसमें राजा राममोहन राय का अहम योगदान है. वक्ताओं ने कहा कि हमें राज राम मोहन राय के विचारों से प्रेरणा लेकर समाज को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए.