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कोरोना वॉरियर डॉ. परिमलः सास-ससुर संक्रमित हुए फिर भी जारी रखा इलाज, जानें दूसरी लहर से कैसे बचें?

कोरोना काल में चिकित्सक अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं. दूसरी लहर में स्थिति काफी खराब है और डॉक्टर जान पर खेलकर मरीजों की जिंदगी बचा रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने डॉ. परिमल से बात की और यह जानने की कोशिश की कि दूसरी लहर में कैसे खुद का बचाव कर सकते हैं.

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कोरोना की दूसरी लहर से कैसे बचें

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Published : May 10, 2021, 5:09 PM IST

Updated : May 10, 2021, 10:19 PM IST

गिरिडीह:पिछले साल जब कोरोना ने दस्तक दी और महामारी ने तेजी से पांव पसारना शुरू किया तब डॉक्टर ऐसे वॉरियर के रूप में सामने आए जिन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर मरीजों की जान बचाई. ऐसे ही सेवाभाव के साथ सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के चिकिस्तक डॉ. परिमल सिन्हा ने लोगों की सेवा की. डॉ. परिमल बताते हैं कि मरीजों का इलाज करने के बाद जब वो घर जाते हैं तो हमेशा मन में परिवार की सुरक्षा का डर लगा रहता है. इसी दौरान सास-ससुर भी संक्रमित हो गए. अस्पताल में इलाज चला और धीरे-धीरे रिकवर कर गए. डॉ. परिमल के मुताबिक ऐसे हालात में डॉक्टर ही पीछे हट जाएंगे तो फिर लोगों की सेवा कौन करेगा. वो बताते हैं कि परिवार के लोग काफी सपोर्ट कर रहे हैं.

कोरोना वॉरियर डॉ. परिमल ने दिए दूसरी लहर से बचने के टिप्स

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दूसरी लहर में कैसे करें बचाव?

डॉ. परिमल बताते हैं कि पिछली बार महाप्रबंधक और परियोजना पदाधिकारी के निर्देश पर पूरे कोयलांचल में जागरुकता अभियान चलाया गया. पिछली बार लोगों को सिर्फ बचाव के बारे में बताया गया. लोग समझे कि कोरोना के खिलाफ कैसे जीना है. धीरे-धीरे लोग नॉर्मल जिंदगी जीना शुरू कर दिए. यही वजह है कि कोरोना का विस्फोट एक बार फिर हुआ है और यह पिछली बार से भी ज्यादा खतरनाक है. लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना एक बार फिर विकराल रूप में लौटा है. दूसरी लहर से बचाव के बारे में डॉ. परिमल का कहना है कि इस बार पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. अपनी बारी आने पर कोरोना का वैक्सीन जरूर लें.

बीमारी छुपाने का प्रयास ना करें

डॉ. परिमल के मुताबिक लगातार देखा जाता है कि लोग अपनी बीमारी छिपाने का प्रयास करते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह के कहीं से भी दवा ले लेते हैं. तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं. ऐसे वक्त में पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर कोई लक्षण है तो उसका समुचित इलाज जरूरी है. मामूली फ्लू या टायफाइड समझकर गलती नहीं करें. जिस तरह कोरोना फैल रहा है, ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है.

डॉ. परिमल ने बनियाडीह लंकास्टर अस्पताल का एक वाकया साझा करते हुए बताया कि एक मरीज अस्पताल में एडमिट हुआ, जो कोरोना से संक्रमित था. शुरू में उसने बताया ही नहीं कि वह कोरोना से संक्रमित है. अस्पताल में कोरोना की जांच कराई गई तब पता चला कि वह कोविड पॉजिटिव है. इसी चक्कर में अस्पताल की दो नर्स भी पॉजिटिव हो गईं और इसी के चलते एक दिन अस्पताल बंद रखना पड़ा. डॉक्टर ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई लक्षण है तो उसे छुपाने का प्रयास नहीं करें और कोई भी दवा खाकर बीमारी को दबाएं नहीं. सावधानी के साथ-साथ गाइडलाइन का भी पालन जरूर करें.

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वैक्सीन का महत्व समझें, बारी आने पर तुरंत लगवाएं

डॉ. परिमल ने बताया कि कोयलांचल और उसके आसपास के लोगों की सुविधा के लिए महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल और परियोजना पदाधिकारी के प्रयास से सीसीएल के लंकास्टर अस्पताल में वैक्सीनेशन शुरू किया गया. शुरू में लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाह रहे थे. घर-घर जाकर लोगों से वैक्सीन लेने की अपील की जा रही थी. काफी समझाने के बाद लोग अब वैक्सीन का महत्व समझ रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर ने जब तेजी से पांव पसारना शुरू किया और मौत के आंकड़े बढ़ने लगे, तब से वैक्सीन लेने के लिए लोगों की लंबी लाइन लग रही है.

डॉक्टर का कहना है कि आपदा के समय में सभी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए. डॉ. परिमल का कहना है कि वे अभी अस्पताल में पूरा समय देकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. कुछ लोग फोन पर भी संपर्क करते हैं. उन्हें भी सलाह दी जाती है. जो मरीज कोरोना से ठीक हो गए हैं वे भी फोन कर सलाह लेते हैं. ऐसे वक्त में डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं कि घर में रहकर ही मरीजों को ठीक किया जाए. उन्हें फोन पर सारी जानकारी दी जाती है.

Last Updated : May 10, 2021, 10:19 PM IST

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