झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Giridih News: केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के लोकसभा क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, स्कूल में टीचर्स नहीं तो कहीं पानी की समस्या

कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री हैं. लेकिन गिरिडीह के बगोदर प्रखंड क्षेत्र में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के लोकसभा क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. आलम ऐसा है कि किसी स्कूल में शिक्षक नहीं है तो कहीं पानी की समस्याओं से बच्चे जूझ रहे हैं. देखिए, ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

Poor condition of education at Bagodar block in parliamentary constituency of MP Annapurna Devi
डिजाइन इमेज

By

Published : Mar 12, 2023, 7:46 AM IST

Updated : Mar 12, 2023, 8:26 AM IST

देखें पूरी खबर

बगोदर,गिरिडीहः केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी के लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत बगोदर प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. ईटीवी भारत की टीम ने सिर्फ एक पंचायत के शिक्षा व्यवस्था का जाएजा लिया, तब शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति सामने आई है. किसी विधालय में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है तो किसी विधालय में बच्चों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है.

इसे भी पढ़ें- Education in Jharkhand: गिरिडीह के सरकारी स्कूलों में जेरॉक्स क्वेश्चन पेपर से हुई परीक्षा, घंटों परेशान रहे छात्र

ईटीवी भारत की टीम बगोदर ब्लॉक पहुंची, यहां जब एक पंचायत का जायजा लिया गया तो कई खामियां सामने आईं. सिर्फ एक पंचायत में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति सामने आई है. शिक्षकों की कमी के कारण मिडिल स्कूल में प्राइमरी तक की पढ़ाई हो रही है. एक विद्यालय का भवन अधूरा पड़ा है. कहीं अनुपात के हिसाब से शिक्षक कम हैं तो कहीं बच्चे स्कूल में पीने के पानी के लिए हर रोज जूझ रहे हैं.

आदर्श मध्य विद्यालय में पानी की समस्याः बगोदर प्रखंड के औंरा में स्थित आदर्श मध्य विद्यालय में समस्याओं का अंबार लगा है. यहां की पानी की बड़ी समस्या है. इसके अलावा मध्याह्न भोजन में बनाए जाने वाले चावल का माड़ स्कूल के पीछे रोज फेकें जाने से बच्चों और शिक्षकों को बदबू का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल कैंपस के अंदर एक आम का पेड़ महीनों से सुखा पड़ा है, जिसके गिरने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा स्कूल में दो सालों से बंद कमरे में पड़े 17 पेकेट चावल भी सड़ रहा है, मगर इस ओर किन्हीं का ध्यान नहीं है. इसके अलावा बच्चों की संख्या की अपेक्षाकृत स्कूल में टीचर्स का अभाव है.

स्कूल के लगभग 500 बच्चे प्रभावितः बताया जाता है कि स्कूल के हेडमास्टर, शिक्षकों और प्रबंधन में आपसी तालमेल नहीं रहने के कारण स्कूल में अध्ययनरत 472 बच्चों को इन परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. एक से 8वीं क्लास तक में यहां लगभग पौने पांच सौ बच्चे अध्ययनरत हैं. इसके लिए प्रिंसिपल समेत 10 टीचर्स ही यहां हैं. हालांकि बच्चों के अनुपात में इस स्कूल में शिक्षकों की अभी भी काफी कमी है.

पानी और शौचालय की समस्याः बच्चों की सुविधा के लिए यहां पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है. मगर तकनीकी गड़बड़ी के कारण एक साल से भी अधिक समय से मोटर के माध्यम से पानी न तो टंकी में चढ़ रहा है और न हीं इससे नल से जल निकल रहा है. परिणामस्वरूप बिजली संचालित मोटर पानी टंकी यहां शोभा का वस्तु बनकर रह गया है. जल के अभाव में बच्चों को शौचालय की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है वहीं वाटर सप्लाई के लिए लगा नल भी टूट रहा है. ऐसे में पौने पांच सौ बच्चों को 2 हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कमीः प्रखंड के औंरा पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विधालय दामा में शिक्षकों की कमी है. यहां शिक्षकों की कमी के कारण आठवीं के जगह छठी क्लास तक हीं पढ़ाई होती है. बच्चों की संख्या 121 है और इसके लिए महज दो शिक्षक कार्यरत हैं. प्रभारी प्रधानाध्यापक दिगंबर महतो एवं सविता कुमारी शिक्षिका है. दिगंबर महतो बताते हैं कि शिक्षकों की कमी के कारण यहां छठी क्लास तक पढ़ाई होती है. बच्चों के अनुपात में पहले से हीं शिक्षकों की कमी है. ऐसे में आठवीं क्लास तक की पढ़ाई संभव नहीं है. पेयजल की यहां समुचित व्यवस्था है.

उत्क्रमित मध्य विद्यालय घठ्ठीवार में तीन शिक्षकों के भरोसे 123 बच्चेः औंरा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय घुठ्ठीवार में भी शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. यहां तीन शिक्षकों को 123 बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है. श्यामलाल यादव प्रधानाध्यापक हैं जबकि मनोज कुमार एवं भुनेश्वर महतो शिक्षक हैं. यहां एक भवन वर्षों से अधूरा पड़ा है. प्रधानाध्यापक बताते हैं कि शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को पढ़ाई लिखाई में परेशानी होती है.

Last Updated : Mar 12, 2023, 8:26 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details