गिरिडीह: जिले में आवारा कुत्तों, बंदरों और सुअरों का आतंक बढ़ा हुआ है. हर रोज कई लोग इन जानवरों का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. जानवरों के काटने के बाद शहर में एंटी रैबीज का सुई लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
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जगह-जगह दिखता है कुत्तों का झुंड
वैसे तो जिले में आवारा कुत्तों का आतंक सभी जगहों पर है. पर ग्रामीण इलाके में तो ये दहशत का दूसरा नाम बन गए हैं. कुत्तों का झुंड न केवल राह चलते आम लोगों को काट रहे हैं बल्कि पालतू मवेशियों बकरी और बकरों का शिकार भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं बाइक पर चलने वाले लोग भी इसके हमले से नहीं बच पा रहे हैं.
कुत्तों पर अंकुश लगाना जरूरी
स्थानीय अधिवक्ता आबिद के मुताबिक शहर के लावारिस कुत्तों पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी हो गया है. उन्होंने नगर निगम से अवारा कुत्तों से लोगों को बचाने के लिए उपाय करने की मांग की है. उनके मुताबिक झुंड के कुत्तें पैदल चलने वाले लोगों के अलावा बाइक सवार पर भी हमला बोल देते हैं. जो लोग आवारा कुत्तों का शिकार होते हैं उन्हें अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में नगर निगम को अपनी जवाबदेही निभानी चाहिए और आवारा कुत्तों पर लगाम लगानी चाहिए.