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सुबह से डायलिसिस कराने सदर अस्पताल में परेशान रहे मरीज, नहीं निकला हल तो सड़क पर जा बैठे - गिरिडीह न्यूज

झारखंड में स्वास्थ्य महकाम की स्थिति लचर होती जा रही है. यहां मरीजों का इलाज सही से नहीं हो पा रहा है. इसी लापरवाही से नाराज होकर मरीज सड़क पर उतर आए. यह मामला गिरिडीह का है. Dialysis stopped in Giridih Sadar Hospital.

Dialysis stopped in Giridih Sadar Hospital
Dialysis stopped in Giridih Sadar Hospital

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 6, 2023, 5:54 PM IST

गिरिडीह सदर अस्पताल के सामने मरीजों का धरना

गिरिडीह: सदर अस्पताल व एजेंसी की लापरवाही का खामियाजा डायलिसिस मरीजों को भुगतना पड़ा. मरीज सुबह से अस्पताल में बैठे रहे लेकिन डायलिसिस नहीं हुआ. अंत में जब कोई रास्ता नहीं निकला तो मरीज सड़क पर जा बैठे. मरीजों के सड़क पर बैठने की जानकारी मिलते ही सदर अनुमंडल पदाधिकारी विशालदीप खलखो पहुंचे. मरीजों से बात की और सभी को वापस सदर अस्पताल लाया.

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क्या है मामला:दरअसल, सदर अस्पताल में डायलीसिस की सुविधा है. यहां दर्जनों मरीज डायलीसिस करवाने आते हैं. सोमवार को भी लगभग दो दर्जन मरीज डायलिसिस करवाने सदर अस्पताल पहुंचे लेकिन जिस वार्ड में डायलिसिस की प्रक्रिया होती है उसमें ताला लटका मिला और आउटसोर्सिंग एजेंसी के कर्मी नदारद दिखे. वार्ड का ताला खुलने व कर्मियों के आने के इंतजार में मरीज दोपहर तक बैठे रहे लेकिन जब घंटों तक इन मरीजों की सुध नहीं ली गई तो मरीज व उनके परिजन सड़क पर जा बैठे. मरीजों के सड़क पर बैठने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई. इसकी जानकारी एसडीएम विशालदीप खलखो को लगी. सूचना पर एसडीएम पहुंचे और मरीजों को समझाते हुए अस्पताल के अंदर ले जाया गया.

इस दौरान मरीजों ने बताया कि जिन कर्मियों द्वारा डायलिसिस किया जाता हैं उनका कहना है कि उनकी एजेंसी पेमेंट नहीं मिला हैं. कहना है कि पेमेंट मिलने के बाद ही वे डायलिसिस करेंगे. कहा यह सब विभाग के आलाधिकारियों को देखना चाहिए था लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है.


शुरू हुआ डायलीसिस:अस्पताल पहुंचने के बाद एसडीएम ने सिविल सर्जन एसपी मिश्रा से बात की. बताया गया कि जिस एजेंसी को डायलिसिस का जिम्मा मिला है उसने बकाया बिल का बहाना बनाकर काम बंद कर दिया. इसके बाद एसडीएम ने सिविल सर्जन को पहले मरीजों का डायलिसिस करवाने को कहा. जिसके बाद सदर अस्पताल के कर्मी ने डायलिसिस की प्रक्रिया शुरू की. हालांकि एजेंसी के कर्मी नहीं आए. एसडीएम ने कहा कि बिल का बहाना बनाकर इलाज नहीं करना अपराध है इस विषय में अग्रतर कार्यवाई की जाएगी. इधर बार एसोसिएशन के सचिव चुन्नूकांत ने इसे अपराध बताया है.

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