गिरिडीहः पिछले चार वर्षों से बंद सीसीएल गिरिडीह परियोजना का कबरीबाद माइंस डेढ़ माह पूर्व ही खुला है. इस डेढ़ माह में कोलियरी ने रिकॉर्ड उत्पादन किया. कोयला को रेलवे रैक के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर भेजा भी गया लेकिन रैक पर चढ़कर कोयला की चोरी लगातार हो रही है. हर रैक पर चोर जान हथेली पर रखकर चढ़ रहे हैं और कोयला को टपा रहे हैं. इससे गिरिडीह कोलियरी को लाखों का नुकसान हो रहा है, उसपर चलती ट्रेन से गिरकर कोयला चोरों की जान जाने का खतरा भी बना रहता है.
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साइडिंग से ट्रेन खुलते ही सैकड़ों लोग बोल रहे हैं धावाः बताया जाता है कि सीसीएल की रेलवे साइडिंग में ही कबरीबाद का कोयला डंप किया जा रहा है. यहां पर कोयला को मालगाड़ी पर लादकर कोयला को विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है. यहां साइडिंग से रैक के खुलते ही चोर मालगाड़ी पर धावा बोल रहे हैं. साइडिंग से गिरिडीह रेलवे स्टेशन के बीच चोर चलती ट्रेन पर चढ़ जाते हैं और कोयला को गिराते हैं.
पुलिस- सीसीएल की दबिश भी नकाफीः बताया जाता है कि मालगाड़ी पर चढ़ कर कोयला चोरी करने वाले चोर का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. यही कारण है कि हर रैक के गुजरते वक्त सीसीएल सुरक्षा विभाग को एक्टिव रहना पड़ता है. चोर द्वारा धावा बोलने पर पुलिस को भी बुलाना पड़ता है. इसके बावजूद चोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.
चिन्हित किये गए हैं चोर- पीओः सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए लगातार अभियान चलाया गया है. अभी वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या रैक पर चढ़कर कोयला की चोरी बन गई है. इसे लेकर प्रशासन से मदद ली जा रही है. वहीं चोरों को चिन्हित करते हुए आवेदन भी प्रशासन को दिया गया है.