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गिरिडीह के छुछंदरी नदी के प्लॉट की होती रही रजिस्ट्री, बाउंड्रीवाल भी हुआ खड़ा, 27 लोगों को नोटिस

Encroachment of river land in Giridih. नदी-नाले का अतिक्रमण गिरिडीह शहर से लेकर जैन तीर्थंस्थल मधुबन तक हुआ है. इस मामले में पहली कार्रवाई सदर अंचल ने शुरू की है. जिलाधिकारी के निर्देश पर अंचलाधिकारी द्वारा छुछंदरी नदी को उसके प्राकृतिक स्वरूप में लाने का कार्य शुरू किया गया. इस दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.

encroachment in Giridih
encroachment in Giridih

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 7, 2024, 2:05 PM IST

Updated : Jan 7, 2024, 2:16 PM IST

गिरिडीह के छुछंदरी नदी के जमीन का अतिक्रमण

गिरिडीहः सदर अंचल के बक्सीडीह मौजा से गुजरी छुछंदरी नदी की जमीन पर अतिक्रमण हुआ है. इस नदी की जमीन पर हुए अतिक्रमण की शिकायत स्थानीय लोगों ने जब जिला प्रशासन से की तो जिलाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा ने इसे गंभीरता से लिया. जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच करने व नदी की जमीन को चिन्हित करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया. इस निर्देश के बाद सदर अंचलाधिकारी मो असलम ने नदी की जमीन की नापी करवायी. जमीन की नापी में यह पता चला कि नदी की जमीन का न सिर्फ अतिक्रमण हुआ बल्कि बाउंड्री भी दी गई. इतना ही नहीं अंचल का कहना है कि नदी वर्तमान में दो से तीन सौ फीट दूसरी तरफ बह रही है.

लोगों को किया गया चिन्हितःनापी पूर्ण होने के बाद अंचलाधिकारी द्वारा नदी के दोनों प्लॉट पर अतिक्रमण किए गए लोगों को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया. इस निर्देश पर राजस्व कर्मचारी त्रिभुवन यादव और अंचल अमीन द्वारा उन लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने जमीन पर कब्जा किया है. जानकारी के अनुसार 29 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है. जिसमें दो लोग अज्ञात हैं. इसके अलावा दो सरकारी भवन भी इसी नदी की जमीन पर बना दिया गया है. यह भी जानकारी मिली है कि जिन लोगों को चिन्हित किया गया है, उनमें बड़े लोगों का भी नाम है. अंचल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार चिन्हित किए गए लोगों को नोटिस दिया गया है. अंचलाधिकारी मो असलम कहते हैं कि नदी को हर हाल में उसके स्वरूप में लाया जाएगा. जिनलोगों ने बाउंड्री दी है उनमें से कई को पूर्व में भी नोटिस दिया गया था अब फिर से अंतिम नोटिस दिया गया है और अग्रतर कार्रवाई होगी.

लोग बने बेवकूफ, आंख बंद कर होती रही रजिस्ट्रीःइधर इस नापी के बाद कई लोग सामने आ रहे हैं. कई लोग जमीन रजिस्ट्री के कागजात के साथ पहुंच रहे हैं. ऐसे ही लोगों में भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा के परिचित हैं. जिन्हें 2008 में ही 80 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री की गई थी. भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा कहते हैं कि पहली बात है कि जमीन नदी की थी तो रजिस्ट्री कैसे हुई. कहा कि माफियागिरी हुई है और साजिश के तहत नदी की जमीन बेच दी गई है. इस मामले में जमीन बेचनेवाले पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिन्हें जमीन माफियाओं ने नदी की जमीन बेची और फिर बाउंड्री करवा दी गई.

लोगों की शिकायत के बाद गंभीर हुआ विभागःयहां बता दें कि सदर अंचल के बक्सीडीह मौजा अंतर्गत प्लॉट नंबर 262 का रकबा 16.15 एकड़ एवं प्लॉट नंबर 790 का रकबा 3.92 एकड़ गैरमजरुआ आम किस्म नदी है. इस जमीन का वर्षों से अतिक्रमण होता रहा है. इसे लेकर पूर्व में भी जांच हुई लेकिन जैन तीर्थंस्थल मधुबन की तरह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इस बार यहां के स्थानीय लोगों ने आवाज को बुलंद की तो जिलाधिकारी के निर्देश पर अंचलाधिकारी ने करवाई शुरू की. इस मामले पर सीओ गंभीर हैं और साफ कह रहे हैं कि नदी को मूल स्वरूप में लाया जाएगा.

फिर वही सवाल मधुबन में कबःशहरी इलाके में अंचल ने तो अपना तेवर दिखा दिया है लेकिन लोग बार बार मधुबन पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब शहरी इलाके में नदी को उसके स्वरूप में लाया जा सकता है तो जैन तीर्थस्थल मधुबन को लेकर पीरटांड अंचल चुप्पी क्यूं साधे है. लोग कहते हैं कि मधुबन में तो संस्था द्वारा नाले पर अतिक्रमण किया गया और स्वरूप बदला गया यहां की शिकायत बार बार होती रही लेकिन अंचल चुप है.

इधर बताया जाता है कि जमीन माफियाओं ने कई लोगों को ठगा है. अंचलधिकारी भी मानते हैं कई लोग ठगी का शिकार हुए हैं. इनका कहना है कि जब वाद चलेगा तो सभी बातें समाने आ जाएगी.

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Last Updated : Jan 7, 2024, 2:16 PM IST

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