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पैसे की लालच में पड़ोसी ने ही किया था लव का अपहरण, पकड़े जाने के डर से मारकर डाल दिया कुआं में

गिरिडीह में अपहरण और हत्या का मामाल सामने आया है. में एक पड़ोसी ने ही 9 साल के बच्चे की हत्या, अपहरण करने के थोड़ी देर बाद कर दी. इस हत्याकांड को चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया. मामले में इन चारों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया.

Kidnapping and murder in Giridih
Kidnapping and murder in Giridih

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Published : Jan 15, 2022, 10:18 PM IST

गिरिडीह: पैसे की लालच में लोग पूरी तरह अंधे हो जाते हैं. कई लोग तो नाते-रिश्ते भी भूल जाते हैं. कुछ इसी तरह की घटना झारखण्ड के गिरिडीह में घटी है. यहां चन्द दिनों में ज्यादा पैसा कमाने का सपना देख रहे एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर पड़ोसी के 9 साल के बच्चे का न सिर्फ अपहरण कर लिया बल्कि काफी बेरहमी से हत्या कर दी. यह घटना गिरिडीह के जमुआ थाना इलाके के चचघरा की है. यहां रामकुमार शर्मा के 9 वर्षीय पुत्र लव कुमार का अपहरण किया गया और बाद में उसकी हत्या कर शव को कुआं में डाल दिया गया. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पूरी घटना की जानकारी मीडिया को दी.

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दादा का पैसा वाला रहना ही पोते की मौत का बना कारण:दरअसल, चचघरा निवासी बद्री कुमार शर्मा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. बद्री का पुत्र रामकुमार शर्मा व्यवसायी है. यह परिवार अपने गांव में काफी समृद्ध माना जाता है. यही समृद्धि गांव के ही महेश वर्मा को भी रास नहीं आ रही थी. महेश, बद्री से पैसा ऐंठने की फिराक में था. उसकी योजना थी कि बद्री के इकलौते पोता का यदि अपहरण कर लिया जाए तो पोते की जान के बदले मोटी रकम मिलेगी. इसी योजना पर महेश ने काम करना शुरू किया. इसके लिए अपने बहनोई बिहार के जमुई जिले के सोनो निवासी शांतनु के अलावा स्थानीय प्रवीण विश्वकर्मा, अजित वर्मा, बादल पंडित को अपने साथ लिया. महेश ने अपने साथियों को कहा कि बद्री और उसके पुत्र रामकुमार के पास काफी पैसा है. यदि रामकुमार के पुत्र को उठा लिया जाएगा तो बदले में मोटी रकम मिलेगी, जिससे पूरी जिंदगी ही सुधर जाएगी.

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पहचानते ही ले ली जान:पुलिस ने बताया कि इन पांचों ने अपहरण की योजना बनाई और 15-20 दिन पहले से काम शुरू कर दिया. सभी पुलिस से बचकर अपहरण की इस घटना को अंजाम देना चाहते थे. गुरुवार की शाम लगभग 4:30 से पांच बजे के बीच जब रामकुमार का 9 वर्षीय पुत्र लव जब खलिहान में खेल रहा था तो क्रिकेट बॉल और 10 रुपया देने की लालच देकर महेश ने लव को खलिहान के किनारे बुलाया और अपने कब्जे में ले लिया. यहां सेलो टेप से लव के मुंह को चिपका दिया गया. चूंकि शाम का समय था और गांव की गलियों में काफी भीड़ थी तो महेश को लगा कि अब लव ने उसे पहचान लिया है. यह जिंदा रहेगा तो वह पकड़ा जाएगा. ऐसे में अपहरण के आधा घंटा के अंदर ही महेश ने अपने अन्य साथी के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद शव को एक बोरे में भरकर साथियों के साथ गांव से दूर भानोडीह गांव ले गया जहां बोरा को कुवां में डाल दिया गया.

हत्या के बाद की फिरौती की मांग:हत्या करने के बाद सभी अपराधियों को यह डर हो गया कि वे पकड़े जायेंगे. इस बीच अपहरण की सूचना पर पुलिस ने भी छानबीन शुरू कर दी. दूसरे दिन शुक्रवार को महेश ने एक नया नंबर से लव के घरवालों को फोन किया और कहा कि बच्चे को जिंदा देखना चाहते हो तो मोटी रकम का जुगाड़ करो. परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने तकनीक का सहारा लिया. इसके बाद जमुई के झाझा से एक युवक को हिरासत में लिया गया. यहां के बाद शांतनु को पकड़ा गया. शांतनु ने पुलिस के पास पूरी कहानी बता डाली. यह बताया कि अपहरण के लिए फर्जी सिमकार्ड की व्यवस्था करने का जिम्मा महेश ने उसे दिया था. शांतनु ने दूसरे के मोबाइल का सिमकार्ड जुगाड़ कर लिया इसके बदले में पांच हजार लिया. इसी सिमकार्ड से फिरौती के लिए फोन किया गया था. यहां के बाद एक-एक कर महेश और उनके तीनों साथी पकड़े गए.



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आक्रोशित थे लोग, फास्ट ट्रैक में सुनवाई करने की मांग:पकड़े गए महेश और उसके साथियों की निशानदेही पर लव के शव को बरामद किया गया. शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. लोगों ने हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने की मांग की. वहीं पुलिस ने भी यह भरोसा दिया कि जल्द से जल्द मामले में चार्जशीट दाखिल किया जाएगा ताकि हत्यारोपियों को सजा दिलवाई जा सके.


तीन टीम लगी थी छापेमारी में: घटना की गम्भीरता को देखते हुए गिरिडीह एसपी ने तीन टीम का गठन किया था. एक टीम में खोरी महुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो, इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह, जमुआ थाना प्रभारी पीके दास, दूसरी टीम में साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी, गावां इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी, तिसरी व देवरी थाना प्रभारी, तीसरी टीम में मुफस्सिल इस्पेक्टर सह थाना प्रभारी विनय कुमार राम व टेक्निकल सेल के कर्मी शामिल थे. जबकि विधि व्यवस्था के लिए डीएसपी मुख्यालय संजय राणा को जमुआ भेजा गया था.

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