गिरिडीह: विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में बीते शनिवार की रात हुवे विस्फोट मामले की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. रविवार तक पुलिस इस घटना में नक्सलियों की संलिप्तता से इंकार कर रही थी. वहीं सोमवार को घटनास्थल पर पोस्टर और तार मिलने से मामले में नया मोड़ आ गया है. जिसके बाद इस घटना के पीछे नक्सलियों का हाथ होने की बात सामने आ रही है. हालांकि घटनास्थल से मिला पोस्टर भाकपा माओवादी का है या किसी और संगठन का इसकी जानकारी पुलिस नहीं कर पाई है.
इधर इस घटना के बाद पूछताछ के लिए जिस कामेश्वर महतो नामक युवक को मधुबन थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था. उस युवक ने पुलिस पर बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जानकारी गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को भी दी गई है. जानकारी के बाद विधायक सुदिव्य सोमवार दोपहर में मधुबन पहुंचे. जहां वे सीधे पीड़ित युवक के घर पहुंचे और पीड़ित युवक ने पूरी आपबीती सुनी.
पीड़ित ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप
घटना के बाद पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया कामेश्वर महतो ने विधायक को बताया कि वह सौरभांचल संस्था में काम करता है. उसने कहा कि शनिवार रात को मधुबन में ही था. इस बीच संस्था के ट्रस्टी मनीष जैन का फोन आया. जिसके बाद उन्होंने कामेश्वर से बोला कि संस्था परिसर में विस्फोट होने की सूचना है जाकर देख लो. उसके बाद कामेश्वर अपने साथ सौरभांचल में पुजारी मोनू जैन के साथ सौरभांचल संस्था परिसर पहुंचा. जहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी. संस्था का गेट खोलकर वह पुलिस के साथ अंदर गया. पुलिस ने जांच के दौरान तार और पोस्टर पाया. जिसके बाद कामेश्वर के साथ जमकर मारपीट की गई. बाद में मुझे थाना ले आया गया, जहां दिनभर रखने के बाद रात 8 बजे के करीब छोड़ा गया. उसने बताया कि सहायक अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे और वर्तमान में लाइन हाजिर ओमप्रकाश पांडेय ने कामेश्वर के साथ मारपीट की है. जिससे मेरे शरीर में गंभीर चोटें आई हैं. इस दौरान कामेश्वर ने शरीर के जख्मों को भी विधायक को दिखाया.
मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे विधायक