गिरिडीहः नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला की गिरफ्तारी से निश्चित तौर संगठन को सबसे बड़ा झटका लगा था. इस गिरफ्तारी के विरोध में नवंबर महीने से ही नक्सली विरोध कर रहे हैं. इस बार 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने और 27 जनवरी को बंद की घोषणा कर रखी है. इस प्रतिरोध दिवस के दौरान नक्सलियों द्वारा गिरिडीह में लगातार उत्पात मचाया जा रहा है. इसी कड़ी में नक्सलियों ने बारागढ़ा के पुल पर विस्फोट कर उसे उड़ा दिया है.
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शुक्रवार की रात नक्सलियों ने मधुबन और खुखरा में दो मोबाइल टावर को उड़ाया था. शनिवार की रात को गिरिडीह प्रखंड के बारागढ़ा को डुमरी प्रखंड के नुरंगो-भंडारों से जोड़ने वाली नव निर्मित पुल पर विस्फोट किया. इस घटना में पुल एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. जो हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है वह डुमरी थाना क्षेत्र में पड़ता है. हालांकि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से यहां के लोगों को गहरा झटका लगा है.
पहले बांस की टटरी से होता था आवगमनः यह पुल इस क्षेत्र के लोगों का सपना रहा है. आजादी के बाद से ही बराकर नदी के इस हिस्से में पुल निर्माण की मांग होती रही है. चूंकि बराकर नदी के इस स्थान पर पुल नहीं रहने पर लोगों को आवागमन करने के लिए बांस की टटरी या टायर के ट्यूब का सहारा लेना पड़ता था. वर्ष 2018 में तत्कालीन सांसद रविंद्र राय और तत्कालीन विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने पुल की आधारशिला रखी थी. इसके बाद पुल बना चंद दिनों में पुल का उदघाटन भी होना था.
जीटी रोड-रेलवे स्टेशन पहुंचना हो गया था सुगमः यह पुल बना तो लोगों को काफी सुविधा हो रही थी. गिरिडीह के बारगढ़ा, लेदा, बजटो समेत दर्जनाधिक गांव के लोग आराम से हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन, पारसनाथ स्टेशन, जीटी रोड पहुंच रहे थे. इलाज के लिए भी जाने के लिए लोगों को परेशानी नहीं हो रही थी. इस बीच नक्सलियों ने पुल को उड़ा दिया. जिससे यहां के लोग मायूस हैं.
पुल को उड़ाने में आ रहा कृष्णा दस्ते का नाम, लोगों की बढ़ गई मुसीबत धमाके से हिल गया इलाकाः इस घटना के संदर्भ में स्थानीय लोगों ने बताया रात लगभग ढाई बजे धमाका हुआ. सुबह में जब लोग पहुंचे तो देखा कि पुल का एक हिस्सा उड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि नीचे तीन सीढ़ी लगी थी ऐसे में यह संभावना है कि नक्सली इसी सीढ़ी के सहारे चढ़े होंगे और इस घटना को अंजाम दिया होगा.
पुल को उड़ाने में आ रहा कृष्णा दस्ते का नाम, लोगों की बढ़ गई मुसीबत कृष्णा दस्ता का आ रहा नामः दूसरी तरफ इस घटना के बाद गिरिडीह पुलिस और सीआरपीएफ इलाके में सर्च अभियान चला रही है. कहा जा रहा है हाल के दिनों में इनामी नक्सली कृष्णा के दस्ते को देखा गया था. ऐसे में यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि कृष्णा के दस्ते ने ही इस घटना को अंजाम दिया हो. हालांकि पुलिस इस पर कुछ भी नहीं कह रही है.